India News (इंडिया न्यूज), Morning Habits For Good Wealth: हिन्दू धर्म और आयुर्वेद के अनुसार, सुबह जल्दी उठने और ब्रह्म मुहूर्त में किए गए कार्यों का जीवन पर अत्यंत सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ब्रह्म मुहूर्त, जो सूर्योदय से लगभग डेढ़ घंटे पहले का समय होता है, आध्यात्मिक और मानसिक रूप से अत्यंत शुभ माना गया है। इस समय की गई साधना, प्रार्थना और अन्य सकारात्मक गतिविधियां मन, शरीर और आत्मा को उन्नति की ओर ले जाती हैं। जो व्यक्ति सुबह देर तक सोते हैं, उनके जीवन में अक्सर आलस्य, नकारात्मकता और असफलता देखने को मिलती है। वहीं, जो समय पर उठकर कुछ विशेष कार्य करते हैं, उनके जीवन में सौभाग्य और शांति का वरदान मिलता है।
इस लेख में हम तीन अत्यंत सरल लेकिन चमत्कारी कार्यों पर चर्चा करेंगे, जो सुबह उठते ही बिना नहाए किए जा सकते हैं और जो आपके जीवन को बदलने की शक्ति रखते हैं।
1. प्रातः कर दर्शन
सुबह आंख खुलते ही सबसे पहले अपनी हथेलियों के दर्शन करें और इस मंत्र का उच्चारण करें:
कराग्रे वसते लक्ष्मी, करमध्ये सरस्वती।
करमूले तु गोविंद, प्रभाते करदर्शनम्॥
हिन्दू मान्यता के अनुसार, हमारी हथेली में तीन प्रमुख देवताओं का वास होता है:
- हथेली के अग्रभाग में: मां लक्ष्मी, जो धन और समृद्धि का प्रतीक हैं।
- हथेली के मध्य भाग में: मां सरस्वती, जो ज्ञान और विद्या प्रदान करती हैं।
- हथेली के मूल भाग में: भगवान विष्णु, जो जीवन के पालनकर्ता हैं।
इस मंत्र का जाप करते हुए हथेलियों को देखना मन में श्रद्धा, विश्वास और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। यह अभ्यास दिनभर के कार्यों में सफलता और उत्साह प्रदान करता है।
2. शुक्र पर्वत पर इत्र लगाना
हथेली के नीचे अंगूठे के पास के भाग को शुक्र पर्वत कहा जाता है। यह शुक्र ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है, जो जीवन में सौंदर्य, प्रेम, समृद्धि और सुख-सुविधाओं से जुड़ा है।
सुबह उठने के बाद बिना नहाए अपनी दाईं हथेली के शुक्र पर्वत पर हल्का-सा सुगंधित इत्र लगाएं।
लाभ:
- शुक्र ग्रह की कृपा प्राप्त होती है।
- वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है।
- व्यक्तित्व में आकर्षण और दिनभर मानसिक शांति बनी रहती है।
यह उपाय विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है, जिनकी कुंडली में शुक्र दोष है या जिनके वैवाहिक जीवन में समस्याएं चल रही हैं।
3. सुप्रभात मंत्र का जाप
सुबह उठकर बिना नहाए इस सुप्रभात मंत्र का जाप करें:
ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी भानुः शशी भूमिसुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्रः शनिराहुकेतवः कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्॥
मंत्र का अर्थ:
ब्रह्मा, विष्णु, शिव, सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु, ये सभी देवी-देवता और ग्रह मेरे लिए इस प्रातः काल और दिन को मंगलमय बनाएं।
लाभ:
- सभी नवग्रहों की कृपा प्राप्त होती है।
- ग्रह दोष शांत होते हैं।
- आत्मविश्वास और मनोबल में वृद्धि होती है।
- दिनभर सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
सुबह का समय न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह जीवन की दिशा और सफलता को भी प्रभावित करता है। इन तीन सरल प्रथाओं को अपनी दिनचर्या में शामिल करके आप जीवन में सुख, शांति और समृद्धि को आमंत्रित कर सकते हैं।