Indianews (इंडिया न्यूज़), Paapmochini Ekadashi: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत महत्तव होता है। हर महीने 2 एकादशी तिथियां पड़ती हैं। साल में कुल 24 एकादशी तिथियां पड़ती हैं। एकादशी तिथियां भगवान विष्णु को समर्पित होती हैं। पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पापमोचनी एकादशी मनाया जाता है। इस एकादशी का व्रत रखने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है।

ज्योतिष्यों के अनुसार, पापमोचनी एकादशी 4 अप्रैल को शाम 4:14 से शुरू होगी और ख़्तम होगी 5 अप्रैल दोपहर 1:28 बजे। उदया तिथि के अनुसार,  पापमोचनी एकादशी 5 अप्रैल को रखा जाएगा।

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नारायण स्त्रोत का करें पाठ

पापमोचनी एकादशी व्रत के दिन, ब्रह्म मुहूर्त में उठकर भगवान विषणु का ध्यान करना चाहिए साथ ही व्रत का संकल्प भी लेना चाहिए। स्वच्छ होकर मंदिर जाकर पूजा-अर्चना करनी चाहिए। आप घर पर ही भगवान विषणु की प्रतिमा स्थापित कर के उन्हें फल, फूल, धूप और आरती से पूजा करें। भगवान विषणु के सहस्त्र नाम का और नारायण स्त्रोत का पाठ करें।

मिलेगा नारायण और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद

मान्यताओं के अनुसार, पापमोचनी एकादशी व्रत रखने से नारायण और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इसके साथ ही परिवार में सुख-समृद्धि भी आती है और सभी पापों का अंत भी हो जाता है।

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न करें ये ग़लतियां

  • पूजा के दौरान न पहने काला वस्त्र
  • चावल, मांस-मदिरा, चने की शाक या प्याज़-लहसुन का सेवन करने से एकादशी व्रत भंग हो जाता है।
  • इस दिन बाल और नाखून काटने से बचना चाहिए कयोंकि ऐसा करने से घर में दरीद्रता आती है।
  • सुबह देर से न उठें।