India News (इंडिया न्यूज),Mahakumbh 2025: महाकुंभ शुरू हो चुका है. इसमें स्नान करने के लिए करोड़ों लोग संगम पहुंच रहे हैं। ये सिर्फ आस्था का मेला नहीं है। इसे जीवन की परेशानियों को दूर करने का जरिया भी माना जाता है। मान्यता है कि महाकुंभ में स्नान और दान करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंभ के दौरान संगम में डुबकी लगाने और ये 5 काम करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। पितर प्रसन्न होते हैं. वे व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. आइए जानते हैं वो कौन से 5 काम हैं, जिन्हें महाकुंभ में जाकर जरूर करना चाहिए।
गंगा स्नान
अगर आप महाकुंभ में जा रहे हैं तो संगम में डुबकी जरूर लगाएं। गंगा में स्नान का सबसे ज्यादा महत्व है। इससे भगवान का आशीर्वाद मिलता है। व्यक्ति के सभी दुख-दर्द नष्ट हो जाते हैं। पितरों के पाप दूर हो जाते हैं। पितर शांत होकर आशीर्वाद देते हैं। स्नान के बाद पितरों को जल जरूर चढ़ाएं। इस दौरान गंगा तट पर श्राद्ध कर्म भी करना चाहिए। इससे व्यक्ति के रुके हुए काम पूरे होने में मदद मिलती है।
चढ़ाएं जल
पितरों को जल चढ़ाएं अगर आप महाकुंभ में जा रहे हैं तो संगम में स्नान के बाद पितरों को जल जरूर चढ़ाएं। गंगा में स्नान करते समय पितरों के नाम पर डुबकी लगाएं। इसके बाद एक लोटे में जल भरें और पितरों का नाम लेकर उन्हें जल चढ़ाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से पितरों की नाराजगी दूर होती है। उनका आशीर्वाद मिलता है। धन-संपत्ति की समस्या खत्म होती है।
संतों की सेवा करें
महाकुंभ में कई साधु-संत आते हैं। इस अवसर पर उनके दर्शन करने के साथ ही उनकी सेवा भी करें। इससे पूर्वज प्रसन्न होते हैं। पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इसलिए महाकुंभ में संतों की सेवा की भावना से जाना चाहिए। दान-पुण्य करें महाकुंभ में दान का बहुत महत्व है। अपनी क्षमता के अनुसार दान करने से सुख-शांति मिलती है। इसमें सोना, चांदी और धन दान करने से व्यक्ति को जीवन में लाभ मिलता है।
पितरों के लिए जप करें
महाकुंभ में त्रिवेणी में स्नान करने के बाद श्राद्ध कर्म करें। इसके बाद पितरों के नाम का जप करें। पितरों की आत्मा की शांति के लिए जप करें। ऐसा करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं। उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे व्यक्ति का जीवन सरल और सहज हो जाता है।
विवादों रहा पुराना नाता! कौन हैं अजय दास? जिसने ममता कुलकर्णी को एक झटके में अखाड़े से किया बाहर