India News (इंडिया न्यूज),Bodhu Avudaiyar Temple: मध्य प्रदेश के तंजावुर जिले में स्थित एक मंदिर है, जो पूरे साल बंद रहता है और केवल कार्तिगाई महीने के सोमवार को ही खुलता है। यह मंदिर बोडू अवुदैयार मंदिर है, जो अपनी अनोखी परंपराओं और रहस्यमयी मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है। भक्तों का मानना है कि इस मंदिर में स्वयं भगवान शिव प्रकट हुए थे और तब से यह स्थान आस्था का बड़ा केंद्र बन गया है। अक्सर हम शिव मंदिरों में शिवलिंग की पूजा होते देखते हैं, लेकिन बोडू अवुदैयार मंदिर में भगवान शिव की पूजा मूर्ति या शिवलिंग के रूप में नहीं, बल्कि एक विशाल बरगद के पेड़ के रूप में की जाती है। भक्त इस पेड़ को भगवान शिव का अवतार मानकर इसकी पूजा करते हैं। यहां प्रसाद के तौर पर केवल बरगद के पत्ते और पवित्र जल ही चढ़ाया जाता है।
मंदिर के नाम के पीछे रोचक कहानी
इस मंदिर का नाम बोडू अवुदैयार मंदिर कैसे पड़ा, इसके पीछे एक रोचक कहानी है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, दो महान ऋषि- वंगोबर और महागोबर गहन ध्यान में लीन थे और इस बात पर चर्चा कर रहे थे कि ईश्वर तक पहुँचने का सबसे अच्छा तरीका क्या है- गृहस्थ जीवन या संन्यास? तब भगवान शिव सफेद आक के पेड़ के नीचे प्रकट हुए और ऋषियों को संदेश दिया कि जो व्यक्ति सच्चे सिद्धांतों का पालन करता है, वह न तो किसी से श्रेष्ठ होता है और न ही किसी से कमतर। यही कारण है कि इस मंदिर के देवता को ‘पोट्टू अवुदैयार’ और ‘मथ्यापुरेश्वर’ भी कहा जाता है।
मंदिर के द्वार सिर्फ़ एक दिन के लिए खुलते हैं
मंदिर पूरे साल बंद रहता है और सिर्फ़ कार्तिगई महीने के सोमवार को भक्तों के लिए खुलता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव अपने अनुयायियों के साथ इस मंदिर के वेल्लाल वृक्ष के नीचे आए थे और फिर वृक्ष में विलीन हो गए थे। इसी वजह से हर साल आधी रात को मंदिर के द्वार खुलते हैं और विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। अन्य दिनों में मंदिर पूरी तरह से बंद रहता है।
भक्तों द्वारा चढ़ाए जाने वाले अनोखे प्रसाद
हर साल कार्तिगाई महीने के आखिरी सोमवार को यहां हजारों भक्त आते हैं और भगवान शिव को कई तरह की चीजें चढ़ाते हैं। भक्त सोना, चांदी, पीतल, पैसा, चावल, दाल, उड़द, मसूर, तिल, नारियल, आम, इमली, मिर्च, सब्जियां और यहां तक कि बकरी, गाय और मुर्गी जैसे जानवर भी चढ़ाते हैं। उनका मानना है कि ऐसा करने से भगवान शिव की कृपा उन पर बनी रहती है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।