India News (इंडिया न्यूज़), Eid-ul-Fitr 2024, दिल्ली: रमजान का पाक महीना चल रहा है और इस्लामिक कैलेंडर का नवा महीना भी इस महीने को ‘महा-ए-रमजान’ भी कहा जाता है। मुस्लिम समुदाय के लोग इस दौरान रोजा रखते हैं और रोज खत्म होने के बाद ईद मनाई जाती है। सुबह के दौरान सहरी होती है और शाम सूरज ढलने के बाद इफ्तारी करते हुए उपवास को तोड़ा जाता है। वही ऐसे में इस साल ‘ईद-उल-फितर’ मनाई जा रही है। पूरे महीने के इंतजार के बाद चांद रात का इंतजार हर कोई कर रहा है। वहीं बता दे कि सऊदी अरब में सबसे पहले ईद की तारीख का ऐलान किया जाता है। जिसके बाद भारत में ईद मनाई जाती है।
- इस दिन मनाई जाएगी ईद
- ईद-उल-फितर का महत्व
- ईद का इतिहास
ईद-उल-फितर 2024 कब है?
इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार देखा जाए तो ईद 10वें महीने की पहली तारीख को मनाया जाता है। जो इस साल 10 अप्रैल को पड़ रही है, लेकिन इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग अपना त्यौहार चांद को देखकर ही मानते हैं ऐसे में ईद का चांद नजर आने के बाद ही ‘ईद-उल-फितर’ की सही तारीख को ऐलान किया जाएगा। फिलहाल 10 या 11 अप्रैल को ईद मनाने की उम्मीद लगाई जा रही है।
Eid-ul-Fitr 2024
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क्या है ईद-उल-फितर का महत्व?
इस्लाम को मानने वाले लोगों के लिए ईद का त्योहार बहुत खास होता है। यह अल्लाह को शुक्रिया करने का दिन भी माना जाता है। मुस्लिम समुदाय के लोग इस दिन खुशी और जश्न बनाते हैं। ऐसे में ‘ईद-उल-फितर’ को छोटी ईद और मीठी ईद भी कहा जाता है। इस्लामिक कैलेंडर में रमजान का नौवां महीना चल रहा है। वही दसवें महीने की शुरुआत में ‘ईद-उल-फितर’ यानी ईद मनाई जाती है। इस दिन एक महीने तक रोजा रखने के बाद उपवास को तोड़ते हुए चश्मा मनाया जाता है।
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इस तरह मनाई जाती है ईद
‘ईद-उल-फितर’ के दिन सबसे पहले सुबह नमाज अदा की जाती है। इसके बाद खजूर या फिर कुछ भी मीठा खाकर रोजा खोला जाता है। इस दिन लोग नए कपड़े पहनकर मस्जिद में नमाज अदा करने जाते हैं। साथ ही एक दूसरे को गले भी लगते हैं। सभी रिश्तेदार और दोस्त एक दूसरे के घर दावत पर जाते हैं और ईद मुबारक कहते हैं। साथ ही घरों में तरह-तरह की व्यंजन भी बनाए जाते हैं। जिसमें मीठी सेवइयां सबसे अहम होती है।
Eid-ul-Fitr 2024
‘ईद-उल-फितर’ का इतिहास
इस खास दिन के इतिहास की बात की जाए तो सबसे पहले ईद सन 624 ईस्वी में पैगंबर मोहम्मद ने बनाई थी। इस दिन पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब ने बद्र के युद्ध से जीत हासिल की थी। मोहम्मद साहब ने कुरान में दो पवित्र दोनों को ईद के लिए चुना है। इस साल भी दो बार ईद मनाई जाएगी। जिसमें ‘ईद-उल-फितर’ और ‘ईद-उल-अजहा’ शामिल है। वही इस्लामी प्रथा के अनुसार यह भी कहा जाता है। ईद की नमाज अदा करने से पहले हर एक मुसलमान व्यक्ति को दान करना चाहिए।