India News(इंडिया न्यूज), Eunuchs Marriage: किन्नरों को लेकर समाज में कई मान्यताएं हैं। इसके साथ ही किन्नरों की शादी भी एक ऐसा विषय है जिसके बारे में लोग जानना चाहते हैं। धार्मिक लेखों में किन्नरों की शादी के बारे में विस्तार से बताया गया है। ऐसे में आइए आपको बताते हैं किन्नरों की शादी को लेकर वो कौन सी बातें है जिसको लोग नहीं जानते।
- क्यों एक दिन के लिए किन्नर करते है शादी
- महाभारत काल से चल रही प्रथा
एक दिन के लिए क्यों करते है किन्नर शादी
किन्नरों की शादी के बारे में कहा जाता है कि वे सिर्फ एक दिन के लिए शादी करते हैं। वो भी अपने देवता के साथ। यह रिवाज महाभारत काल से चला आ रहा है। ऐसे में आपको महाभारत के अध्याय के बारे में जानना होगा, जिसमें अर्जुन को अपने बेटे की बलि देनी पड़ी थी। कहा जाता है कि किन्नर समाज में एक दिन की शादी की सदियों पुरानी प्रथा आज भी चली आ रही है। किन्नर एक रात के लिए शादी करते हैं और अगली सुबह विधवा की तरह विलाप करते हैं। Eunuchs Marriage
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महाभारत से जुड़ी है कहानी
आपको महाभारत काल से जुड़ी किन्नरों की देवी की कहानी के बारे में बताएं। पौराणिक कथा के अनुसार महाभारत का युद्ध शुरू होने से पहले पांडवों ने जीत के लिए मां काली की पूजा की थी। इस साधना को सफल बनाने के लिए राजकुमार की बलि देने को कहा गया था। पूजा को सफल बनाने के लिए अर्जुन के पुत्र इरावन बलि के लिए आगे आए। उन्होंने शर्त रखी कि पहले वह विवाह करेंगे और फिर खुद की बलि देंगे।
इरावन की शर्त सुनकर सभी हैरान रह गए कि कोई लड़की एक दिन के लिए इरावन से कैसे विवाह कर सकती है। भगवान श्री कृष्ण ने इस समस्या का समाधान निकाला। उन्होंने इरावन से विवाह करने के लिए मोहिनी का रूप धारण किया। श्री कृष्ण ने मोहिनी के रूप में इरावन से विवाह किया और अगले दिन इरावन की बलि दे दी गई। श्री कृष्ण ने मोहिनी के रूप में इरावन की मृत्यु पर शोक भी जताया। किन्नर इरावन को अपना भगवान मानते हैं। इरावन की बलि के बाद से ही वे अपने भगवान (इरावन) से एक रात के लिए विवाह करते हैं और अगले दिन शोक मनाते हैं।
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इस राज्य में है प्रथा Eunuchs Marriage
तमिलनाडु के कूवगम में हर साल किन्नरों की शादी मनाई जाती है। यह त्योहार तमिल नववर्ष की पहली पूर्णिमा से 18 दिनों तक मनाया जाता है। त्योहार के 17वें दिन किन्नरों की शादी होती है। वे दुल्हन की तरह सजती हैं और किन्नर पुजारी उन्हें मंगलसूत्र पहनाते हैं। शादी के अगले दिन भगवान इरावन की मूर्ति को पूरे शहर में घुमाया जाता है। और कुछ दूर जाने के बाद उसे तोड़ दिया जाता है। मूर्ति टूटने के बाद किन्नर विधवाओं की तरह विलाप करते हैं।
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