India News(इंडिया न्यूज),Garuda Purana: गरुड़ पुराण हिंदू धर्म के 18 महापुराणों में से एक है, जिसे वैष्णव पुराण के नाम से भी जाना जाता है। यह ग्रंथ मृत्यु के बाद आत्मा की यात्रा, स्वर्ग और नर्क, यमलोक की प्रक्रिया, पुनर्जन्म और मोक्ष के सिद्धांतों के बारे में विस्तार से बताता है। इसमें भगवान विष्णु और उनके वाहन गरुड़ के बीच संवाद है, जिसमें मृत्यु के बाद आत्मा को मिलने वाली सजा और कर्म के परिणामों का उल्लेख है।
मृत्यु के बाद आत्मा स्वर्ग या नर्क कैसे पहुँचती है?
गरुड़ पुराण के अनुसार, व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर स्वर्ग या नर्क में स्थान मिलता है। अच्छे कर्म करने वाले लोग स्वर्ग जाते हैं, जबकि पापी आत्माओं को नर्क में कठोर यातनाएँ सहनी पड़ती हैं। गरुड़ पुराण में कुल 36 प्रकार के नर्कों का उल्लेख है, जिनमें से प्रत्येक में एक विशेष प्रकार की सजा का प्रावधान है।
नर्क कहाँ स्थित है?
गरुड़ पुराण के अनुसार, स्वर्ग कैलाश पर्वत के ऊपर स्थित है, जबकि नर्क को धरती के नीचे यानी पाताल लोक में माना जाता है। ऊर्ध्व लोक (ऊपरी दुनिया) को स्वर्ग, अधोलोक (निचली दुनिया) को नर्क और मध्यलोक को मनुष्यों का निवास स्थान कहा जाता है।
सबसे भयानक नर्क – रौरव नर्क
भगवान विष्णु के अनुसार 36 नर्कों में से रौरव नर्क को सबसे भयानक और पीड़ादायक माना जाता है। इस नर्क में एक बहुत बड़ा अग्निकुंड है, जहाँ पापी आत्माओं को जलाया जाता है। इस नर्क की भूमि हमेशा आग में जलती रहती है, जिससे आत्माओं को असहनीय पीड़ा होती है।
गरुड़ पुराण में वर्णित 36 नर्क और उनकी सजाएँ
महावीचि नर्क
पाप: गायों का वध करने वाले लोग इस नर्क में जाते हैं।
दंड: इस नर्क में खून से भरे गड्ढों में बड़े-बड़े काँटे होते हैं, जिनसे आत्माओं को यातनाएँ दी जाती हैं।
मंजुस नर्क
पाप: निर्दोष लोगों को परेशान करने वाले लोगों को यहाँ भेजा जाता है।
दंड: आत्माओं को जलती हुई लकड़ियों से पीटा जाता है।
कुम्हीपाक नर्क
पाप: भूमि हड़पने वाले और ब्राह्मणों को परेशान करने वाले लोग इस नर्क में जाते हैं।
दण्ड: इस नर्क में अंगारे और गर्म रेत में दण्ड दिया जाता है।
रौरव नर्क
पाप: झूठ बोलने वाले और झूठे बयान देने वाले इस नर्क में जाते हैं।
दण्ड: आत्माओं के शरीर में नुकीली कीलें ठोंकी जाती हैं।
अप्रतिष्ठ नर्क
पाप: पुण्यात्माओं की हत्या करने वाले इस नर्क में जाते हैं।
दण्ड: आत्माओं को मल-मूत्र से भरे नर्क में उल्टा करके फेंक दिया जाता है।
विलेपक नर्क
पाप: शराब पीने वाले ब्राह्मण इस नर्क में जाते हैं।
दण्ड: आत्माओं को जलती हुई आग में फेंक दिया जाता है।
महाप्रभा नर्क
पाप: पति-पत्नी के बीच संदेह फैलाने वाले यहाँ जाते हैं।
दण्ड: आत्माओं को बड़े काँटे में फँसाकर यातनाएँ दी जाती हैं।
जयंती नर्क
पाप: अनैतिक संबंध रखने वाले इस नर्क में जाते हैं।
दण्ड: उन्हें बड़े पत्थरों के नीचे कुचला जाता है।
महारौरव नर्क
पाप: जो लोग घर, खेत या गाँव जलाते हैं, वे इस नरक में जाते हैं।
दंड: उन्हें लगातार जलाया जाता है।
तामिस्र नर्क
पाप: जो लोग चोरी करते हैं, वे इस नरक में जाते हैं।
दंड: यमदूत उन्हें भयानक हथियारों से दंडित करते हैं।
असिपत्र नर्क
पाप: जो लोग अपने दोस्तों के साथ विश्वासघात करते हैं, वे इस नरक में जाते हैं।
दंड: उन्हें तलवारों जैसे पत्तों वाले जंगल में डाल दिया जाता है।
शाल्मली नर्क
पाप: व्यभिचार करने वाली महिलाओं को यहाँ भेजा जाता है।
दंड: उन्हें जलते हुए काँटों वाले पौधों से चिपके रहने के लिए मजबूर किया जाता है।
कदमल नर्क
पाप: जो लोग पंच यज्ञ नहीं करते हैं, उन्हें यहाँ भेजा जाता है।
दंड: उन्हें मल, मूत्र और रक्त से भरे गड्ढों में रखा जाता है।
काकोल नर्क
पाप: जो लोग दूसरों के साथ भोजन साझा नहीं करते हैं।
दंड: उन्हें कीड़ों और गंदगी से भरे नरक में डाल दिया जाता है।
महावत नर्क
पाप: जो लोग अपनी बेटियों को बेचते हैं, वे इस नर्क में जाते हैं।
दंड: उन्हें जहरीले कीड़ों से भरे नर्क में रखा जाता है।
कर्मबालुका नर्क
पाप: जो लोग जीवन में धोखाधड़ी करते हैं, वे इस नर्क में जाते हैं।
दंड: उन्हें गर्म रेत, अंगारों और कांटों से भरी भूमि पर चलने के लिए मजबूर किया जाता है।
अन्य नर्कों में भी अलग-अलग तरह की सज़ाएँ होती हैं
क्रूर नर्क: जो लोग निर्दोष प्राणियों को मारते हैं।
अंधतामिश्र नर्क: जो लोग अपने परिवार को परेशान करते हैं।
शीतोदक नर्क: जो लोग दूसरों को भोजन और पानी से वंचित करते हैं।
लावण नर्क: जो लोग अन्याय से पैसा कमाते हैं।
संघट नर्क: जो लोग अपने माता-पिता का अपमान करते हैं।
क्या नर्क से बचा जा सकता है?
गरुड़ पुराण के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में धार्मिक और पुण्य कर्म करता है, तो वह नर्क की यातनाओं से बच सकता है। सत्य, दान, सेवा, भक्ति और सद्गुणों को अपनाकर व्यक्ति मोक्ष प्राप्त कर सकता है।