India News (इंडिया न्यूज़),Aprajita Flower: प्राचीन काल से ही हमारे ऋषि-मुनियों ने प्रकृति में छिपे चमत्कारी औषधीय पौधों की महिमा को पहचाना है और उनका उपयोग विभिन्न रोगों के उपचार, साधना और ज्योतिषीय उपायों में किया है। आज हम आपको दो ऐसे अद्भुत पौधों के बारे में बताएंगे, जिनका औषधीय, धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व आपको हैरान कर देगा। ये पौधे हैं अपराजिता और चिड्डी (लटजीरा या अपामार्ग)।

अपराजिता

अपराजिता एक ऐसा पौधा है जिसे आयुर्वेद में बहुत लाभकारी माना जाता है। इसे कुछ जगहों पर विष्णुकांता के नाम से भी जाना जाता है। यह पौधा दो प्रकार का होता है- एक नीले फूलों वाला और दूसरा सफेद फूलों वाला। दोनों प्रकार के अपराजिता पौधों का आयुर्वेद, तंत्र और ज्योतिष में महत्वपूर्ण स्थान है।

  • अपराजिता को भगवान विष्णु का ही एक रूप माना जाता है।
  • प्राचीन काल में योद्धा इस पौधे की जड़ को अपने शिखा पर बांधकर युद्ध में अपराजित रहने की शपथ लेते थे। ऐसा माना जाता था कि इससे शत्रु पर विजय सुनिश्चित होती है।
  • तांत्रिक साधनाओं में भी इस पौधे का विशेष महत्व है। इसका उपयोग कई मंत्र-तंत्र सिद्धियों में किया जाता है।

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चिड़चिड़ा

चिड़चिड़ा, जिसे लटजीरा और अपामार्ग के नाम से भी जाना जाता है, एक बेहद शक्तिशाली पौधा है। इसके बीज कपड़ों पर चिपक जाते हैं, इसलिए इसे लटजीरा कहते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस पौधे की जड़ में देवी गंगा का वास होता है और इसे अमृत के बराबर माना जाता है।

  • घर में चित्रदत्त का पौधा लगाने से नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है।
  • इसे गंगाजल के समान पवित्र माना जाता है और इसके प्रयोग से घर में सुख-शांति बनी रहती है।
  • इस पौधे का प्रयोग तांत्रिक साधनाओं में किया जाता है, खास तौर पर बुरी शक्तियों से बचाव के लिए।

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