India News(इंडिया न्यूज़), Guru Gochar 2025: सनातन धर्म के अनुसार, शनि अमावस्या का महत्व बहुत अधिक है, खासकर उन लोगों के लिए जो शनि देव की पूजा करते हैं। शनि अमावस्या पर शनि देव की उपासना करने से व्यक्ति को अनेक मानसिक और शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। इस दिन शनि देव की पूजा से न केवल जीवन में शांति और सुख-समृद्धि आती है, बल्कि नकारात्मक ऊर्जा, क्रोध, अहंकार और लालसा जैसी समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। इसके अलावा, घर और परिवार में सुख-शांति का वास होता है।

इस वर्ष 29 मार्च 2025 को शनि अमावस्या है, लेकिन इससे पहले 9 दिन पहले यानी 19 मार्च 2025 को गुरु देव नक्षत्र परिवर्तन करेंगे। इस दिन गुरु ग्रह, जो कि दैवीय शिक्षा, ज्ञान और आस्था के प्रतीक माने जाते हैं, रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे, जिसका स्वामी ग्रह चंद्रमा है। चंद्रमा को ज्योतिष शास्त्र में सुख, मन, और मां का कारक माना जाता है, जो अधिकांश राशियों पर शुभ प्रभाव डालता है। हालांकि, इस बार चंद्रमा के नक्षत्र में गुरु के गोचर करने से कुछ राशियों को परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं, गुरु गोचर का विभिन्न राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा:

सूर्य गोचर का बड़ा असर! अगले 17 दिन तक इन 3 राशियों को पैसे की तंगी कर सकती है परेशान, दुखों का टूटेगा पहाड़!

मेष राशि:

गुरु का गोचर मेष राशि के जातकों के लिए उतना शुभ नहीं रहेगा। गुरु देव के नक्षत्र परिवर्तन के साथ ही मेष राशि के जातकों को विभिन्न प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। घरवालों के बीच संपत्ति को लेकर विवाद हो सकता है। जो लोग विवाह योग्य हैं, उनके लिए इस समय विवाह की बात आगे बढ़ने की संभावना कम है। नौकरी पेशा जातकों को काम का दबाव अधिक रहेगा, जिससे उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। व्यापारियों को भी सतर्क रहने की आवश्यकता होगी, क्योंकि किसी मित्र से उधार दी गई राशि वापस मिलने में समस्या आ सकती है, और यह व्यक्ति आपके पैसे लेकर भाग सकता है।

तुला राशि:

गुरु का गोचर तुला राशि के जातकों के लिए कुछ प्रतिकूल परिणाम लेकर आएगा। इस समय घर में किसी बड़े व्यक्ति की तबीयत खराब हो सकती है, जिससे अचानक खर्चा बढ़ सकता है। जो लोग रोजगार की तलाश में हैं, उन्हें इस समय नौकरी मिलने की संभावना नहीं रहेगी। व्यापारियों के लिए भी समय थोड़ा कठिन रहेगा, क्योंकि कारोबार में बड़ा घाटा हो सकता है और इसके कारण लोन लेने की आवश्यकता पड़ सकती है। विवाह के बाद तुला राशि के जातकों को अपने जीवनसाथी के साथ रिश्तों में खटास का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, सास-ससुर के साथ भी कुछ तनावपूर्ण स्थितियां बन सकती हैं।

Chaitra Navratri 2025: सृष्टि की शुरुआत से जुड़ा है ये महीना, नवरात्रि से राम नवमी तक की जुड़ी है कहानी, जानें व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट और धार्मिक महत्व!

कुंभ राशि:

गुरु का गोचर कुंभ राशि के जातकों के प्रेम जीवन के लिए अनुकूल नहीं रहेगा। जो लोग लंबे समय से सिंगल हैं और उनके रिश्ते की बात चल रही थी, उन्हें इस समय खुशखबरी मिलने की संभावना नहीं है। विवाहेत्तर मामलों में भी कुछ तनाव उत्पन्न हो सकता है। शादीशुदा जातकों के लिए विदेश यात्रा का सपना फिलहाल कुछ समय के लिए टल सकता है, जिससे उनका मन उदास रहेगा। नौकरी में भी कुंभ राशि के जातकों को बॉस से अनबन का सामना करना पड़ सकता है, और इस वजह से उनका प्रमोशन रुक सकता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह समय अच्छे नहीं रहेगा, और किसी पुरानी बीमारी का दर्द फिर से परेशान कर सकता है।

गुरु के गोचर और शनि अमावस्या का असर हर राशि पर अलग-अलग होता है। इस समय कुछ राशियों के लिए यह गोचर शुभ और कुछ के लिए प्रतिकूल साबित हो सकता है। मेष, तुला, और कुंभ राशि के जातकों को इस समय थोड़ी सतर्कता बरतनी चाहिए और उन्हें अपने स्वास्थ्य, कामकाजी जीवन, और रिश्तों में संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता है। वहीं, शनि अमावस्या के दिन शनि देव की उपासना करने से मानसिक शांति, संतुलन और सुख-समृद्धि प्राप्त करने के अच्छे अवसर मिल सकते हैं।

यद्यपि ग्रहों का प्रभाव होता है, लेकिन व्यक्ति की मेहनत और सच्ची श्रद्धा सबसे अधिक मायने रखती है।

ब्रह्मा, विष्णु और महेश, कौन है इन त्रिदेव में से सबसे सर्वोपरि? खुद महर्षि भृगु ने कि थी इस तरह पहचान, पढ़ें पूरी गाथा!