India News (इंडिया न्यूज़), Hindu-Muslim Funeral Rituals: भारत के हर क्षेत्र में धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता देखने को मिलती है और अंतिम संस्कार की प्रथाएं भी इसी विविधता को दर्शाती हैं। हिंदू और मुस्लिम धर्म में शव का सम्मान करने और उसे अंतिम विदाई देने की प्रक्रिया बिल्कुल अलग है।
- हिंदू क्यों जलाते हैं अपना शव
- इस्लाम में ऐसे करते है दाह संस्कार
हिंदू क्यों जलाते हैं अपना शव
हिंदू धर्म के अनुसार, मानव शरीर पांच तत्वों – अग्नि, जल, वायु, आकाश और पृथ्वी से बना है। जब कोई व्यक्ति मरता है, तो उसकी आत्मा शरीर को छोड़ देती है, क्योंकि हिंदू धर्म के अनुसार आत्मा अमर होती है। मृत्यु के बाद केवल शरीर ही बचता है, जिसे वापस इन पांच तत्वों में विलीन होना पड़ता है। इस धार्मिक मान्यता के अनुसार, मृतक के शरीर को पहले गंगा जल से नहलाया जाता है, फिर उसे आग लगा दी जाती है। इस प्रक्रिया को ‘अंत्येष्टि’ या ‘अग्नि संस्कार’ कहा जाता है। इसके बाद शव की राख को गंगा नदी में विसर्जित किया जाता है, जिससे माना जाता है कि इससे शरीर के तत्व शुद्ध रूप में प्राकृतिक तत्वों में वापस लौट जाते हैं।
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इस्लाम में ऐसे करते है दाह संस्कार
दूसरी ओर, इस्लाम की मान्यता के अनुसार मृतकों का दाह संस्कार नहीं किया जाता है। कुरान और इस्लामी विद्वानों के अनुसार, कयामत का दिन आएगा जब दुनिया खत्म हो जाएगी और सिर्फ इस्लाम ही बचेगा। उस दिन अल्लाह स्वर्ग में सभी मृतकों को फिर से जीवित कर देगा। इस्लाम के अनुयायी मानते हैं कि शव को दफनाना उचित है, क्योंकि यह प्राकृतिक अवस्था के अनुरूप है। मृतक के शरीर को दफनाने की प्रक्रिया को इस्लाम में एक पवित्र और सम्मानजनक कार्य माना जाता है।
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