India News (इंडिया न्यूज),  Don’t Do These Mistakes in Holashtak: होलाष्टक हिंदू पंचांग में वह अवधि है, जो होली से आठ दिन पहले शुरू होती है और होली के दिन समाप्त होती है। यह समय धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। होलाष्टक का समय 2025 में [तारीख जोड़ी जाए] से प्रारंभ होकर [तारीख जोड़ी जाए] तक रहेगा। इस दौरान कुछ विशेष नियम और सावधानियां अपनाने की आवश्यकता होती है, क्योंकि इसे अशुभ काल माना जाता है।

होलाष्टक का महत्व

होलाष्टक को धार्मिक दृष्टि से एक ऐसा समय माना जाता है जब नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव अधिक रहता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस समय सूर्य, चंद्र, मंगल और अन्य ग्रह अशुभ स्थिति में होते हैं। इसी कारण से इस समय विवाह, गृह प्रवेश, नई खरीदारी, और अन्य शुभ कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है।

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क्या होता है होलाष्टक के दौरान?

होलाष्टक के दौरान वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा और प्रेत आत्माओं का प्रभाव बढ़ सकता है। इस समय विशेष रूप से सात प्रकार की भूलों से बचने की आवश्यकता होती है, क्योंकि ये आपकी ऊर्जा और जीवन पर विपरीत प्रभाव डाल सकती हैं।

7 भूलें जो होलाष्टक में नहीं करनी चाहिए:

  1. शुभ कार्यों का आयोजन:
    • होलाष्टक के दौरान किसी भी प्रकार के शुभ कार्य, जैसे विवाह, गृह प्रवेश, या मुंडन संस्कार, करना वर्जित है। इसे अशुभ फलदायी माना जाता है।
  2. नए व्यापार या खरीदारी की शुरुआत:
    • होलाष्टक के समय नया व्यापार शुरू करना या कोई बड़ा निवेश करना ग्रहों की अशुभ स्थिति के कारण नुकसानदायक हो सकता है।
  3. झगड़े और विवाद:
    • इस समय क्रोध और झगड़े से बचना चाहिए, क्योंकि नकारात्मक ऊर्जा अधिक प्रभावी रहती है और छोटे विवाद भी बड़े झगड़ों में बदल सकते हैं।
  4. आध्यात्मिक साधना में बाधा:
    • इस अवधि में आध्यात्मिक साधना, जैसे जप, ध्यान, और हवन, को नियमित रूप से करते रहना चाहिए। इसे रोकने से मानसिक शांति भंग हो सकती है।
  5. अपवित्र स्थानों पर जाना:
    • श्मशान, सुनसान स्थान, या अन्य नकारात्मक ऊर्जा वाले क्षेत्रों में जाने से बचें। इससे आपके शरीर और मन पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
  6. अत्यधिक व्यसन:
    • शराब, तंबाकू, और अन्य व्यसनों से दूरी बनाए रखें। यह समय आत्मशुद्धि और संयम का है, और इन आदतों से नकारात्मक ऊर्जा और बढ़ सकती है।
  7. दूसरों के प्रति गलत विचार:
    • इस समय दूसरों के प्रति बुरा सोचने या उनके साथ बुरा व्यवहार करने से बचना चाहिए। यह आपके जीवन में अनचाही समस्याएं खड़ी कर सकता है।

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होलाष्टक में क्या करना चाहिए?

  1. भगवान विष्णु, भगवान शिव और होली माता की पूजा करें।
  2. अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए दीप जलाएं।
  3. श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करें और ओम नमः शिवाय का जाप करें।
  4. सात्विक भोजन करें और व्रत रखें।
  5. दान और सेवा कार्य करें, विशेष रूप से गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करें।

होलाष्टक का समय सावधानी और संयम का है। यदि इन सात भूलों से बचा जाए और सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रखने के उपाय किए जाएं, तो यह अवधि आपके जीवन में शांति और शुभता ला सकती है। धार्मिक अनुशासन और ईश्वर में विश्वास के साथ होलाष्टक का पालन करें और होली के पर्व को आनंदमय बनाएं।

शुरू हो रहा होलाष्टक, ग्रहों का चलने वाला है उठा-पटक, भूलकर भी न करें ये शुभ कार्य वरना दुखों का मंडराता रहेगा साया!