India News (इंडिया न्यूज), Holi 2025: हिंदू धर्म में होली के त्यौहार का बहुत महत्व होता है। होली का रंग खुशियों, रंगों और भाईचारे का प्रतीक है। होली वाले दिन तो दुश्मन भी दोस्त बन जाते हैं। सभी लोगों को इस दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है। इस दिन लोग एक-दूसरे के चेहरे पर रंग लगाकर प्यार और स्नेह से जश्न मनाते हैं। हिंदू धर्म में सभी त्योहारों से जुड़ी कई मान्यताएं और परंपराएं हैं। इसी तरह होली की एक मान्यता नई नवेली दुल्हन से भी जुड़ी है। मान्यता के अनुसार, शादी के बाद नई दुल्हन की पहली होली ससुराल में नहीं मनानी चाहिए, बल्कि शादी के बाद नई दुल्हन को हमेशा अपनी पहली होली अपने मायके में मनानी चाहिए। तो आज हम आपको कुछ कारणों के बारे में बताएंगे, जिनकी वजह से दुल्हन अपनी पहली होली ससुराल में नहीं मना पाती। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं। सास-बहू के बीच लड़ाई
क्यों नहीं मनानी चाहिए ससुराल में पहली होली?
होली या होलिका दहन के समय सास-बहू का एक साथ रहना सही नहीं माना जाता है। कहा जाता है कि नई दुल्हन को हमेशा अपनी पहली होली अपने मायके में ही मनानी चाहिए। मान्यता के अनुसार, जब सास-बहू एक साथ होलिका दहन देखती हैं या एक साथ होली खेलती हैं, तो घर में झगड़े शुरू हो जाते हैं। जिससे घर का माहौल बहुत खराब हो सकता है और घर में हमेशा अशांति बनी रहती है।
क्या है इसके पीछे की कथा?
इस प्रथा के पीछे भारत में कई कहानियाँ प्रचलित हैं, जिनके बारे में शायद आपने कभी नहीं सुना होगा। कुछ हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि होलिका के आग में बैठने के अगले दिन उसका विवाह होना था। एक कहानी के अनुसार, जब होलिका की होने वाली सास बारात लेकर पहुंची, तो उसने होलिका की चिता को जलते हुए देखा। इसके बाद से हिंदुओं में होली पर नई बहू के मायके जाने की परंपरा शुरू हो गई और तब से आज भी नई बहू अपने ससुराल में पहली होली नहीं देखती। नई दुल्हन को पहली होली से कुछ दिन पहले उसके मायके भेज दिया जाता है, जिसके बाद वह अपने मायके में होली मनाती है। ऐसी मान्यताएं हैं कि नई बहू के मायके में पहली होली खेलने से नए जोड़े के बीच प्यार बढ़ता है और उनका वैवाहिक जीवन अच्छा रहता है, साथ ही सास-बहू का भी आपस में अच्छा तालमेल रहता है।
ससुराल में पहली होली मनाने के क्या हैं कारण?
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रिश्ते में प्यार बनाने के लिए
जब नई दुल्हन होली मनाने के लिए अपने मायके जाती है, तो पति भी उसके साथ उसके परिवार वालों को होली की शुभकामनाएं देने जाता है। जिससे पति-पत्नी के बीच प्यार बढ़ता है और सभी के साथ रिश्ता भी मजबूत होता है।
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बच्चे पर पड़ता है असर
कुछ लोगों का मानना है कि जब नई दुल्हन अपने मायके में अपनी पहली होली मनाने जाती है, तो उसका बच्चा बहुत सुंदर और संस्कारी होता है। जो उनके भविष्य के लिए बहुत अच्छा होता है।
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क्या है तार्किक कारण?
नई दुल्हन को अपनी पहली होली इसलिए भी अपने मायके में खेलनी चाहिए क्योंकि, वह ससुराल में सास, ससुर और अन्य रिश्तेदारों के साथ होली खेलने में थोड़ी झिझकती है। जिसके कारण वह होली नहीं खेल पाती। इसलिए वह अपनी पहली होली अपने परिवार के साथ खेलना पसंद करती है।
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ये है धार्मिक कारण
मान्यता के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि अगर सास और बहू के रिश्ते में लड़ाई होती है तो इससे भविष्य में तनाव बढ़ता है। साथ ही परिवार के सभी सदस्यों का रिश्ता भी मजबूत नहीं हो पाता।