India News (इंडिया न्यूज), Mana Village Stairway to Heaven: उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित माणा गांव, जिसे भारत का अंतिम गांव भी कहा जाता है, एक पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व का स्थल है। हिमालय की गोद में बसा यह गांव न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। माणा गांव बद्रीनाथ से लगभग चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और सरस्वती नदी के किनारे बसा है। यह गांव भारत-चीन सीमा से सटा हुआ है और अपनी अद्वितीय पौराणिक मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है।

महाभारत और माणा गांव का संबंध

महाभारत के अनुसार, युद्ध समाप्ति के बाद जब पांडव और द्रौपदी स्वर्गारोहण के लिए निकले, तो उन्होंने माणा गांव से होकर अपना मार्ग चुना। यह माना जाता है कि यहीं से स्वर्ग को जाने वाली सीढ़ी आरंभ होती है। इस कारण माणा गांव को एक पवित्र स्थल के रूप में देखा जाता है।

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गांव का नामकरण और मान्यताएं

माणा गांव का नाम मणिभद्र देव के नाम पर रखा गया है। इसे एक शापमुक्त और पापमुक्त क्षेत्र माना जाता है। यह भी मान्यता है कि यहां आने वाले हर व्यक्ति की गरीबी समाप्त हो जाती है। शिवजी की कृपा से यह गांव स्थापित हुआ और इसे आध्यात्मिक शांति का स्थान माना जाता है।

वेदव्यास और गणेश गुफा

माणा गांव महर्षि वेदव्यास की गुफा के लिए प्रसिद्ध है। इस गुफा में महर्षि वेदव्यास ने भगवान गणेश को महाभारत सुनाई थी, जिसे गणेश जी ने लेखन रूप में प्रस्तुत किया। महाभारत के रचयिता महर्षि वेदव्यास और भगवान गणेश की यह गुफा आज भी श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है।

सरस्वती नदी का उद्गम

गांव में सरस्वती नदी का उद्गम स्थल भी है, जो केवल कुछ किलोमीटर तक ही प्रवाहित होती है और फिर अलकनंदा में मिल जाती है। सरस्वती नदी को ज्ञान और विद्या की देवी के रूप में पूजा जाता है। इस नदी का दर्शन करना भक्तों के लिए एक पवित्र अनुभव माना जाता है।

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पांडुकेश्वर तीर्थ

माणा गांव से कुछ दूरी पर पांडुकेश्वर नामक तीर्थ स्थल है। यह वह स्थान है जहां राजा पांडु ने अपने राजपाट का त्याग कर अपने परिवार के साथ निवास किया था। यह स्थान भी धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

रडंपा जाति और सांस्कृतिक धरोहर

माणा गांव में रडंपा जाति के लोग रहते हैं, जो अपनी अनूठी परंपराओं और संस्कृति के लिए जाने जाते हैं। उनकी भाषा, वेशभूषा, और रीति-रिवाज इस क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाते हैं।

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माणा गांव की विशेषताएं

  1. हिमालय की मनोरम पहाड़ियों से घिरा हुआ।
  2. बद्रीनाथ मंदिर के निकट स्थित।
  3. स्वर्गारोहण का पौराणिक मार्ग।
  4. पवित्र सरस्वती नदी का उद्गम स्थल।
  5. महर्षि वेदव्यास और गणेश जी की गुफा।

माणा गांव न केवल भारत का अंतिम गांव है, बल्कि इसकी ऐतिहासिक और पौराणिक धरोहर इसे एक विशेष स्थान प्रदान करती है। यह स्थान उन लोगों के लिए आदर्श है जो आध्यात्मिक शांति और प्रकृति की सुंदरता का अनुभव करना चाहते हैं। महाभारत से जुड़े पवित्र स्थल और शिवजी की कृपा से बसाए गए इस गांव में आकर हर व्यक्ति को एक अद्वितीय अनुभव होता है।

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