India News (इंडिया न्यूज), Mahabharat Arjun Marriade Nagkanya: महाभारत की कथाओं में अर्जुन और नागकन्या उलूपी का विवाह एक दिलचस्प और रहस्यमय प्रसंग है। अर्जुन ने द्रौपदी के अलावा चित्रांगदा, सुभद्रा, और उलूपी से विवाह किया था हालाँकि बताया जाता हैं कि इन चारो में से अर्जुन को सबसे ज्यादा प्रिय सुभद्रा थी जो खुद श्री कृष्णा की बहन थी। इसके अलावा इस कथा के अनुसार, उलूपी महाभारत और अर्जुन की जिंदगी का एक अद्वितीय और रहस्यमय पात्र हैं, जिनके आधे शरीर पर सांप की विशेषताएँ और आधे शरीर पर मानव का रूप था। आइये जानते हैं इस बात में कितनी सच्चाई छिपी हैं….
जब अर्जुन ने इंद्रप्रस्थ को नागों से मुक्त कराने के अभियान में बहुत सारे नागों का वध किया, तब नागवंशी उलूपी को बदला लेने के लिए भेजा गया। उलूपी को अर्जुन पर नाराजगी थी, लेकिन जब उन्होंने अर्जुन को देखा, तो वे उसकी शौर्य और सौंदर्य से मोहित हो गईं और बदला लेने की योजना छोड़ दी। उलूपी ने अर्जुन से विवाह का प्रस्ताव रखा, लेकिन अर्जुन ने उसे तुरंत स्वीकार नहीं किया।
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उलूपी ने कर दिया था अर्जुन को मूर्छित
उलूपी ने अर्जुन को मूर्छित कर नागलोक में ले जाकर उनके पिता, कुंभकर्ण, से मिलवाया। इस मिलन के माध्यम से उलूपी ने नागों और पांडवों के बीच की शत्रुता को समाप्त किया। इसके बाद अर्जुन ने उलूपी से विवाह करने पर सहमति जताई।
अर्जुन और उलूपी का विवाह एक वर्ष तक चला। इस विवाह से उनका एक पुत्र हुआ, जिसका नाम इरावन था। इरावन का महत्त्व यह है कि वह किन्नरों का देवता माना जाता है। इस प्रकार, अर्जुन और उलूपी की कथा न केवल एक रोमांटिक कहानी है, बल्कि इसमें सामाजिक और सांस्कृतिक धरोहर भी समाहित है।
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