India News (इंडिया न्यूज), Toilet On Rooftop Vastu: वास्तु शास्त्र भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो हमारे घर और जीवन में संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए दिशानिर्देश देता है। घर के विभिन्न हिस्सों के निर्माण में वास्तु नियमों का पालन करना आवश्यक माना गया है। इनमें टॉयलेट और बाथरूम का स्थान भी अहम भूमिका निभाता है। लेकिन सवाल यह है कि क्या घर की छत पर टॉयलेट बनवाना शुभ होता है? आइए इस पर विस्तार से चर्चा करते हैं।

वास्तु शास्त्र का दृष्टिकोण

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की छत पर टॉयलेट बनवाना कई मामलों में अशुभ माना गया है। छत का स्थान घर का ऊपरी हिस्सा है, जिसे प्रायः स्वर्गीय ऊर्जा और देवताओं का स्थान माना जाता है। इसलिए छत पर ऐसी चीजों का निर्माण जो अशुद्धता का प्रतीक हों, नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न कर सकती हैं।

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प्रमुख कारण:

  1. ऊर्जा का असंतुलन: छत पर टॉयलेट होने से नकारात्मक ऊर्जा नीचे की मंजिलों में प्रवाहित हो सकती है, जिससे घर के सदस्यों के स्वास्थ्य, रिश्तों और समृद्धि पर बुरा असर पड़ सकता है।
  2. शुद्धता का उल्लंघन: छत का उपयोग पूजा, ध्यान, या प्राकृतिक ऊर्जा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। ऐसी जगह पर अशुद्धता फैलाने वाले निर्माण कार्य वास्तु दोष पैदा कर सकते हैं।
  3. जल निकासी की समस्या: छत पर टॉयलेट बनाने से पानी की निकासी का सही प्रबंधन करना मुश्किल हो सकता है। इससे दीवारों में सीलन और अन्य संरचनात्मक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

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अगर टॉयलेट बनाना हो आवश्यक तो क्या करें?

कई बार परिस्थितियां ऐसी होती हैं कि छत पर टॉयलेट बनाना अनिवार्य हो जाता है। ऐसे मामलों में वास्तु दोष कम करने के लिए निम्न उपाय अपनाए जा सकते हैं:

  1. दिशा का चयन: छत पर टॉयलेट बनाते समय उत्तर-पूर्व दिशा से बचना चाहिए। दक्षिण-पश्चिम दिशा इस उद्देश्य के लिए बेहतर मानी जाती है।
  2. ऊंचाई का ध्यान रखें: टॉयलेट को छत के मुख्य भाग से थोड़ी ऊंचाई पर बनवाएं ताकि उसकी नकारात्मक ऊर्जा सीधे घर में न आए।
  3. वास्तु उपाय अपनाएं: टॉयलेट के आसपास वास्तु पिरामिड या अन्य सुधारात्मक उपाय रखें। साथ ही, सुगंधित पौधे लगाना भी फायदेमंद हो सकता है।
  4. सफाई का ध्यान: छत पर बने टॉयलेट को हमेशा साफ और सूखा रखें। यह नकारात्मक प्रभाव को कम करने में मदद करता है।

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छत पर टॉयलेट से जुड़े सामान्य प्रभाव

नकारात्मक प्रभाव:

  • मानसिक तनाव और परिवारिक कलह बढ़ सकती है।
  • स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
  • घर के सदस्यों की समृद्धि में बाधा आ सकती है।

सकारात्मक प्रभाव:

यदि टॉयलेट का निर्माण सही दिशा और वास्तु उपायों के साथ किया जाए, तो इन प्रभावों को नियंत्रित किया जा सकता है।

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वास्तु विशेषज्ञों की सलाह

वास्तु विशेषज्ञों का मानना है कि छत पर टॉयलेट बनाने से बचना चाहिए। यदि यह विकल्प अपरिहार्य हो, तो निर्माण के दौरान वास्तु नियमों का सख्ती से पालन करें और दोषों को दूर करने के उपाय सुनिश्चित करें।

घर की छत पर टॉयलेट का निर्माण वास्तु शास्त्र की दृष्टि से सामान्यतः अशुभ माना गया है। हालांकि, यदि सही दिशा-निर्देश और उपाय अपनाए जाएं, तो इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। बेहतर होगा कि टॉयलेट निर्माण से पहले किसी वास्तु विशेषज्ञ से परामर्श लें और उनके सुझावों का पालन करें।

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