India News (इंडिया न्यूज), Jyoti Shastra Gyan: ज्योतिष शास्त्र में इस बात को विस्तार से बताया गया है कि नौ ग्रहों का मानव जीवन पर कैसा प्रभाव पड़ता है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में कोई ग्रह उच्च स्थिति में है तो उसे सफलता, मान-सम्मान और कई लाभ मिलते हैं, लेकिन अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में कोई ग्रह अशुभ स्थिति में मौजूद है तो व्यक्ति को न सिर्फ आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बल्कि वह मानसिक और शारीरिक रूप से भी परेशान रहता है।
अगर ग्रहों का सेनापति माना जाने वाला मंगल किसी व्यक्ति की कुंडली में कमजोर है तो उसके विवाह में कई तरह की परेशानियां आ सकती हैं। मंगल दोष को कैसे दूर करें और इसके कमजोर होने पर क्या-क्या परेशानियां हो सकती हैं, हम भोपाल निवासी ज्योतिषी और वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से जानेंगे।
मंगल के कमजोर होने के लक्षण
- वैदिक ज्योतिष में बताया गया है कि अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल कमजोर स्थिति में है तो उस व्यक्ति को बहुत गुस्सा आता है।
- मंगल के कमजोर होने पर इसका मानव स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। कमजोर मंगल के कारण आंखों की समस्या, पथरी की समस्या, उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- मंगल के कमजोर होने पर व्यक्ति मांस-मदिरा का सेवन करने लगता है, अपनों को धोखा दे सकता है और वह व्यक्ति अहंकारी भी हो सकता है।
मंगल को मजबूत करने के उपाय
1. जिन लोगों की कुंडली में मंगल कमजोर स्थिति में है, उन्हें मंगलवार के दिन स्नान आदि करने के बाद लाल वस्त्र धारण करना चाहिए और ‘ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः’ इस मंत्र का तीन, पांच या सात बार जाप करना चाहिए।
2. मंगलवार का व्रत करने से भी मंगल मजबूत होता है।
3. अगर आपकी कुंडली में मंगल कमजोर स्थिति में है, तो आपको मंगलवार के दिन बजरंगबली को चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर चढ़ाना चाहिए।
4. कुंडली में कमजोर मंगल को मजबूत करने के लिए मंगलवार के दिन हनुमान जी को चोला चढ़ाना लाभकारी हो सकता है।