India News(इंडिया न्यूज़), Kartik Purnima 2023, दिल्ली: इस साल 27 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी, भगवान विष्णु और चंद्रमा पूजा अर्चना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से वैभव बढ़ता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का भी बेहद खास महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी के साथ चंद्रदेव की पूजा करने से भक्तों की आर्थिक, मानसिक और शारीरिक समस्याएं दूर होती हैं। कार्तिक पूर्णिमा को देवी देवताओं कॉरपोरेशन करने के लिए सबसे श्रेष्ठ दिन माना जाता है।

साफ सफाई का रखे खास ख्याल

कार्तिक पूर्णिमा का दिन बेहद शुभ माना जाता है इसलिए इस दिन साफ सफाई का खास ख्याल रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन तामसिक भोजन भी बिल्कुल नहीं करना चाहिए। कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्रमा के दर्शन करने के बाद ही दीपदान करने का भी मान्यता है।

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व

हिंदू धर्म में कार्तिक मास को बहुत पवित्र माना जाता है। इस माह में भगवान विष्णु चार माह की योग निद्रा के बाद जागते हैं। इसके अलावा इस माह में तुलसी जी का भी विवाह किया जाता है। वहीं कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा नदी में स्नान करने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। साथ ही इस दिन चंद्रमा और माता लक्ष्मी की पूजा करने से धन में वृद्धि भी होती है।

इस साल कार्तिक पूर्णिमा पर भद्रा

इस साल कार्तिक पूर्णिमा पर भद्रा की साया है। कार्तिक पूर्णिमा रविवार 26 नवंबर 2030 को दोपहर 3:54 पर शुरू होगा। जिसके साथ भद्र भी शुरू हो जाएगा, बदला का प्रभाव सोमवार 27 नवंबर 2023 की सुबह 3:19 तक चलेगा। कार्तिक पूर्णिमा पर बढ़ती 26 नवंबर से ब्रत शुरू कर सकते हैं। पूजन स्नान और दान सोमवार को 27 नवंबर 2023 को 3 बज कर 19 मिनट के बाद ही शुरू करें। कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान व्रत का पूर्ण भी 27 नवंबर की सुबह 3:19 के बाद स्नान दान से ही होगा। व्रत पूर्णिमा 26 को मनाई जाएगी। वहीं सन्ना दान व्रत 27 नवबंर को भद्रा की निवृत्ति के बाद पूरा होगा। कार्तिक पूर्णिमा पर सुरज उगने से पहले स्नान करने का विधान है।

 

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