India News (इंडिया न्यूज), Kedarnath Dham Yatra 2025: श्री केदारनाथ धाम के कपाट आगामी 2 मई को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए जाएंगे। कपाटोत्सव की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं, और यह पावन अवसर भक्तों के लिए विशेष आध्यात्मिक महत्व रखता है।
पंचमुखी उत्सव डोली का शुभारंभ
सोमवार को भारतीय सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों के साथ बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली ने रावल की अगुवाई में श्री केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान किया। इस अवसर पर भगवान के पंचमुखी उत्सव मूर्ति का पंचस्नान कराकर उन्हें डोली में विराजमान किया गया। डोली को रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया, जिससे भक्तिमय वातावरण और भी भव्य हो गया। बाबा के शीतकालीन प्रवास स्थल, श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ, को भी भव्य रूप से सजाया गया था।
तीर्थयात्रियों के लिए विशेष आयोजन
डोली यात्रा के दौरान भक्तों को विभिन्न पड़ावों पर बाबा के दर्शन का अवसर मिलेगा। रावल भीमाशंकर लिंग और बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने इस यात्रा का शुभारंभ किया।
डोली के प्रमुख पड़ाव:
- गुप्तकाशी:
- डोली प्रथम पड़ाव पर श्री विश्वनाथ मंदिर, गुप्तकाशी में रात्रि विश्राम करेगी।
- फाटा:
- 29 अप्रैल को डोली गुप्तकाशी से प्रस्थान कर फाटा पहुंचेगी। यहां भी रात्रि विश्राम होगा।
- गौरीकुंड:
- 30 अप्रैल को गौरीकुंड में डोली का आगमन होगा और यह स्थान भी रात्रि विश्राम के लिए तय किया गया है।
- केदारनाथ धाम:
- 1 मई को गौरीकुंड से प्रस्थान कर पंचमुखी डोली शाम तक श्री केदारनाथ धाम पहुंचेगी।
2 मई की सुबह 7 बजे भगवान केदारनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए विधिवत रूप से खोल दिए जाएंगे।
यात्रा पूर्व तैयारियां
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ के अनुसार, मंदिर समिति ने श्री केदारनाथ धाम में यात्रा पूर्व तैयारियां पूरी कर ली हैं। इनमें प्रमुख रूप से:
- पेयजल और विद्युत व्यवस्था की देखभाल।
- भोग मंडी और मंदिर परिसर की सफाई।
- दर्शन पंक्ति की मरम्मत।
- पुजारियों और कर्मचारियों के आवास की व्यवस्था।
भैरवनाथ की अर्चना: विशेष परंपरा
श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया रविवार से शुरू हुई। सबसे पहले श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में श्री केदारपुरी के रक्षक, श्री भैरवनाथ की पूजा-अर्चना संपन्न हुई। मान्यता है कि जब धाम के कपाट बंद होते हैं, तो भैरवनाथ भगवान पूरे क्षेत्र की रक्षा करते हैं। कपाट खुलने से पूर्व भैरवनाथ के कपाट खोलकर उनकी आरती और भोग लगाया जाता है। इसके बाद ही केदारनाथ भगवान की पूजा प्रारंभ होती है।
श्रद्धालुओं के लिए शुभकामनाएं
इस पावन अवसर पर बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं दीं और सुरक्षित एवं सुखद यात्रा की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि बाबा केदारनाथ के आशीर्वाद से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
श्री केदारनाथ धाम की यह यात्रा भक्तों के लिए न केवल आध्यात्मिक अनुभव का अद्वितीय अवसर है, बल्कि उत्तराखंड की अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता का साक्षात्कार भी कराती है।