India News (इंडिया न्यूज), Ketu Gochar 2025: बीते दिनों छाया ग्रह केतु ने सिंह राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में गोचर किया है, जो कर्क राशि वालों की जन्म कुंडली के द्वितीय भाव को प्रभावित कर रहा है। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, यह स्थिति 5 दिसंबर 2026 तक शाम 7 बजकर 28 मिनट तक बनी रहेगी। द्वितीय भाव का संबंध वाणी, धन, बुद्धि और परिवार से होता है, और इस गोचर का प्रभाव कर्क राशिवालों के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर देखा जा सकता है।
केतु गोचर के संभावित प्रभाव:-
- धन और बचत पर असर:
- इस अवधि में कर्क राशिवालों को बचत करने में कठिनाई हो सकती है।
- अनावश्यक खर्च बढ़ सकते हैं और वित्तीय योजनाओं में रुकावट आ सकती है।
- स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां:
- मुंह में छाले और दांतों में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- पेट और पाचन से जुड़ी परेशानियां भी उभर सकती हैं।
- पारिवारिक संबंधों में तनाव:
- परिवार के सदस्यों से दूरी बढ़ने की संभावना है।
- वैवाहिक जीवन में जीवनसाथी की सेहत को लेकर चिंता हो सकती है।
- मानसिक और भावनात्मक प्रभाव:
- तनाव और चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है।
- निर्णय लेने में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
केतु गोचर के दौरान क्या करें?
- धन प्रबंधन:
- अपने खर्चों पर नियंत्रण रखें और आर्थिक योजनाएं बनाएं।
- किसी विशेषज्ञ से वित्तीय परामर्श लें।
- स्वास्थ्य का ध्यान:
- नियमित रूप से डॉक्टर से परामर्श करें।
- संतुलित आहार लें और हाइजीन का विशेष ध्यान रखें।
- पारिवारिक संबंध मजबूत करें:
- परिवार के सदस्यों से बातचीत करें और गलतफहमियां दूर करें।
- जीवनसाथी की सेहत का ध्यान रखें और उन्हें भावनात्मक समर्थन दें।
- आध्यात्मिक उपाय:
- “केतु मंत्र” का जाप करें और नियमित रूप से भगवान गणेश की पूजा करें।
- राहु-केतु ग्रहों के दोष निवारण के लिए उपाय करें, जैसे दान देना और गरीबों की सहायता करना।
केतु गोचर के दौरान क्या न करें?
- अनावश्यक विवाद:
- परिवार या दोस्तों के साथ बहस से बचें।
- कार्यालय या व्यक्तिगत जीवन में विवादित विषयों पर चर्चा करने से बचें।
- आर्थिक जोखिम:
- बड़े निवेश या उधारी लेने-देने से बचें।
- शॉर्टकट से पैसे कमाने के प्रयास न करें।
- स्वास्थ्य की अनदेखी:
- दवाओं को नजरअंदाज न करें।
- अस्वास्थ्यकर खानपान और अनियमित दिनचर्या से बचें।
केतु का यह गोचर कर्क राशि के जातकों के लिए चुनौतियों और अवसरों का मिश्रण लेकर आया है। सही दिशा में प्रयास, धैर्य और सतर्कता के साथ इस अवधि को बेहतर तरीके से संभाला जा सकता है। जीवन के हर क्षेत्र में संतुलन बनाए रखने के लिए ज्योतिषीय उपायों और सही निर्णयों का पालन करना महत्वपूर्ण है।