India News (इंडिया न्यूज), Ketu Gochar 2025 in Singh Rashi: 18 मई को केतु का गोचर सिंह राशि में होने जा रहा है। शाम 5 बजकर 8 मिनट पर केतु कन्या राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। ज्योतिष शास्त्र में केतु को क्रूर और रहस्यमय ग्रह माना जाता है। यह हमेशा वक्री अवस्था में गति करता है और जिस राशि में गोचर करता है, उस राशि के स्वामी ग्रह के समान प्रभाव उत्पन्न करता है। इस बार केतु का गोचर विशेष रूप से मेष, वृषभ, सिंह, कन्या और कुंभ राशियों के जातकों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। आइए जानते हैं, इन राशियों पर इस गोचर का प्रभाव और उनसे निपटने के उपाय।

मेष राशि

केतु का गोचर मेष राशि के पांचवें भाव में होगा। यह भाव शिक्षा, प्रेम और सृजनात्मकता का प्रतिनिधित्व करता है। इस गोचर के दौरान:

  • प्रभाव: मन में अनिश्चितता और चिंता बनी रह सकती है। प्रेम संबंधों में संघर्ष और गलतफहमियां बढ़ सकती हैं।
  • विद्यार्थियों के लिए: यह गोचर अध्ययन के प्रति रुचि बढ़ा सकता है।
  • उपाय: हर मंगलवार मंदिर में त्रिकोणीय ध्वज चढ़ाएं।

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वृषभ राशि

केतु का गोचर वृषभ राशि के चौथे भाव में होगा, जो घर, माता और मानसिक शांति का कारक है।

  • प्रभाव: पारिवारिक वातावरण में तनाव और घर में शांति की कमी महसूस हो सकती है। माता के स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं बढ़ेंगी।
  • स्वास्थ्य: छाती और फेफड़ों से संबंधित समस्याओं की संभावना है।
  • उपाय: केतु के बीज मंत्र (“२ृ१केतुॎन्ाम६ु”) का नियमित जप करें।

सिंह राशि

केतु का गोचर सिंह राशि के प्रथम भाव में होगा, जो स्वास्थ, व्यक्तित्व और आत्म-चेतना का कारक है।

  • प्रभाव: स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और वैराग्य की भावना बढ़ सकती है। वैवाहिक जीवन में तनाव और संदेह उत्पन्न हो सकते हैं।
  • उपाय: मंगलवार को छोटे बच्चों को गुड़ और चने का प्रसाद बांटें।

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कन्या राशि

केतु का गोचर कन्या राशि के बारहवें भाव में होगा। यह भाव व्यय, विदेश यात्रा और आध्यात्मिकता का प्रतीक है।

  • प्रभाव: अनावश्यक खर्चों में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं, जैसे बुखार और सिरदर्द का सामना करना पड़ सकता है।
  • आध्यात्मिकता: ध्यान और साधना के प्रति झुकाव बढ़ सकता है।
  • उपाय: केतु के बीज मंत्र का जप करें।

कुंभ राशि

केतु का गोचर कुंभ राशि के सप्तम भाव में होगा, जो साझेदारी और वैवाहिक जीवन का प्रतिनिधित्व करता है।

  • प्रभाव: वैवाहिक जीवन में असहमति और टकराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। व्यावसायिक साझेदारी में भी समस्याएं आ सकती हैं।
  • उपाय: मंगलवार को काले और सफेद तिल का दान करें।

केतु का सिंह राशि में गोचर ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है। जिन राशियों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, उन्हें सावधान रहने की आवश्यकता है। उपायों का पालन करके इन प्रभावों को कम किया जा सकता है। ध्यान, साधना और धार्मिक क्रियाकलापों के माध्यम से मानसिक शांति प्राप्त की जा सकती है।

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