India News (इंडिया न्यूज), Life of Aghoris: भगवान शिव के उपासक अघोरियों का नाम सुनते ही मन में राख से लिपटे और लंबी जटाओं वाले नागा बाबाओं की छवि उभरती है। इनका जीवन भी इनके पहनावे की तरह ही रहस्यमयी और रोचक होता है। बल्कि यूं कहें कि ज्यादातर लोगों के लिए यह डरावना होता है। महाशिवरात्रि की रात श्मशान में रहने वाले इन अघोरियों के लिए बेहद खास होती है। महाशिवरात्रि के मौके पर आइए जानते हैं अघोरियों यानी इनके उपासकों के जीवन से जुड़े कुछ खास रहस्य।
शव पर बैठकर साधना
अघोर रूप शिव के पांच रूपों में से एक है। अघोरियों की भक्ति या यूं कहें कि अघोरी शब्द ही बेहद पवित्र माना जाता है लेकिन उनकी जीवन शैली काफी वीभत्स होती है। उनकी तांत्रिक साधना का यह अजीब तरीका है कि वे पूरी तरह से शिव में डूब जाते हैं। अघोरी श्मशान में रहते हैं। वे शवों पर बैठकर साधना करते हैं। उनकी साधना का दूसरा तरीका एक पैर पर खड़े होकर शिव की पूजा करना है। रात में जागकर अधजले शवों को निकालना और उन पर तांत्रिक क्रियाएं करना उनके जीवन का अहम हिस्सा है। तांत्रिक साधना के दौरान वे मांस और मदिरा चढ़ाते हैं।
शवों के साथ शारीरिक संबंध
अघोरियों के जीवन की सबसे अजीब बातों में से एक यह है कि वे अपनी साधना के दौरान मृत शरीर के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं। इस बारे में अघोरियों का कहना है कि यह भी शिव और शक्ति की आराधना का एक तरीका है। अगर वे शारीरिक संबंध बनाते हुए भी शिव की आराधना में लीन रहते हैं तो यह उनकी साधना का उच्च स्तर है। इतना ही नहीं, वे आम साधुओं की तरह ब्रह्मचर्य का पालन नहीं करते। बल्कि वे जीवित महिलाओं के साथ भी शारीरिक संबंध बनाते हैं और वह भी तब जब महिला रजस्वला होती है। इसके पीछे उनकी मान्यता है कि इससे उनकी शक्तियां बढ़ती हैं।
खाते हैं कच्चा मांस
श्मशान में रहने वाले अघोरी अधजले शवों का मांस भी खाते हैं। वे उनके तरल पदार्थों का भी इस्तेमाल करते हैं। ऐसा करने के पीछे उनकी मान्यता है कि इससे उनकी तांत्रिक शक्ति मजबूत होती है। इतना ही नहीं, वे भोजन को स्टोर करने के लिए मानव खोपड़ियों का इस्तेमाल कंटेनर के रूप में करते हैं। वे मानव खोपड़ियों की माला पहनते हैं। अघोरियों का मानना है कि हर बच्चा अघोरी के रूप में ही पैदा होता है। एक बच्चे को भोजन और गंदगी में अंतर नहीं पता होता है, उसी तरह अघोरी भी हर गंदगी और अच्छाई को एक ही तरह से देखते हैं।
आमतौर पर अघोरी अपने समुदाय में ही रहना पसंद करते हैं और खास मौकों पर ही सार्वजनिक जीवन में सामने आते हैं। इस दौरान उनके साथ सिर्फ कुत्ते ही रहते हैं। अघोरियों को कुत्तों से बहुत प्यार होता है। वे कुत्तों को अपने आस-पास रखना पसंद करते हैं।
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