India News (इंडिया न्यूज), Kodungallur Mandir: दक्षिण भारत अपनी समृद्ध संस्कृति, भव्य मंदिरों और अद्भुत परंपराओं के लिए जाना जाता है। इन्हीं में से एक है केरल के त्रिशूर जिले में स्थित कोडुंगल्लूर मंदिर, जो अपनी अनूठी पूजा पद्धति और रहस्यमय गुप्त कक्षों के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर माता भद्रकाली को समर्पित है, जिन्हें यहां “कोडुंगल्लूर अम्मा” के नाम से जाना जाता है। मंदिर में विराजमान मां भद्रकाली की मूर्ति उनके उग्र रूप को दर्शाती है। आठ भुजाओं वाली इस दिव्य मूर्ति में मां ने विभिन्न हथियार पकड़े हुए हैं। एक हाथ में तलवार, दूसरे में अंगूठी और एक में राक्षस राजा दारुका का सिर है, जो देवी की शक्ति और विजय का प्रतीक है।
सदियों पुराना इतिहास
ऐसा माना जाता है कि कोडुंगल्लूर मंदिर का निर्माण प्राचीन चेरा वंश के शासक चेरामन पेरुमल ने करवाया था। यह मंदिर 64 क्षिकुरुम्बा कव (तंत्र संप्रदाय से जुड़े लोग) का मुख्य केंद्र भी है। इस मंदिर की पूजा पद्धति और मान्यताएं अन्य मंदिरों से काफी अलग हैं, जो इसे और भी रहस्यमयी बनाती हैं।
केरल शैली की भव्य वास्तुकला
मंदिर की संरचना विशिष्ट केरल स्थापत्य शैली में बनी है, जो इसे अद्वितीय बनाती है। इसकी भव्यता के साथ-साथ इसमें मौजूद गुप्त कक्ष और रहस्यमयी मार्ग मंदिर को और भी रहस्यमयी बनाते हैं। कई लोगों का मानना है कि इन गुप्त मार्गों में मंदिर से जुड़े कई रहस्य छिपे हैं, जो अभी तक सामने नहीं आ पाए हैं।
जब गाली देकर की जाती है मां की पूजा
इस मंदिर का सबसे अनोखा और प्रसिद्ध उत्सव भरणी महोत्सव है, जो हर साल मार्च-अप्रैल के महीने में मनाया जाता है। यह उत्सव अपनी अनोखी परंपरा के कारण चर्चा में रहता है। इस दौरान भक्त देवी को गाली देते हैं और उन्हें प्रसन्न करने के लिए मंदिर की छत पर डंडे मारते हैं। इतना ही नहीं, मंदिर के कुछ दिव्य अनुयायी, जिन्हें वेलीचप्पड़ कहा जाता है, देवी का रूप धारण कर तलवार लेकर मंदिर परिसर में दौड़ते हैं। यह सब देवी की शक्ति और तांत्रिक शक्तियों को जगाने की साधना मानी जाती है।
आस्था और परंपरा का संगम
कोडुंगल्लूर मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह प्राचीन परंपराओं और रहस्यों का संगम भी है। देवी भद्रकाली की पूजा का यह विशेष रूप इसे अन्य मंदिरों से अलग बनाता है। त्रिशूर से ट्रेन, बस और टैक्सी के जरिए यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। अनोखी परंपराओं और रहस्यमयी जगहों को देखने के शौकीन लोगों के लिए यह मंदिर किसी अजूबे से कम नहीं है।
अगर इस बेला में कर ली भगवान की पूजा तो, इतनी बरसेगी कृपा कि यकीन करना हो जाएगा मुश्किल