India News (इंडिया न्यूज), Kujketu Yog: वैदिक ज्योतिष में ग्रहों की युति और उनका गोचर अत्यधिक महत्व रखता है। इसी क्रम में, 7 जून 2025 को सुबह 2 बजकर 28 मिनट पर ग्रहों के सेनापति मंगल, सूर्य की राशि सिंह में प्रवेश करेंगे। इस समय सिंह राशि में पहले से ही केतु उपस्थित होंगे, जिससे मंगल और केतु की युति से कुजकेतु योग बनेगा। यह योग ज्योतिषीय दृष्टिकोण से सभी 12 राशियों के लिए विशेष प्रभाव डालेगा।

मंगल और केतु की युति का महत्व

मंगल को साहस, ऊर्जा, और पराक्रम का कारक ग्रह माना जाता है, जबकि केतु आध्यात्मिकता, मोक्ष, और वैराग्य का प्रतीक है। सिंह राशि, जो अग्नि तत्व की राशि है, में इन दोनों ग्रहों की युति से एक विशेष ऊर्जा उत्पन्न होगी। यह युति कुछ राशियों के लिए लाभकारी होगी, जबकि अन्य के लिए यह नई चुनौतियां ला सकती है। आइए जानते हैं किन राशियों के लिए यह युति शुभ साबित होगी।

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सिंह राशि: आत्मविश्वास और नेतृत्व में वृद्धि

मंगल का गोचर और केतु के साथ युति सिंह राशि वालों के लिए अत्यंत शुभ साबित होगी। यह युति आपके लग्न भाव में बनेगी, जिससे आपका आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता बढ़ेगी। नौकरीपेशा लोगों को प्रमोशन या नई जिम्मेदारियां मिल सकती हैं।

  • लाभ: व्यवसाय में नई पार्टनरशिप के अवसर मिलेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी और स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।
  • सावधानी: केतु के कारण क्रोध और जल्दबाजी से बचें। मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करना लाभकारी रहेगा।

कन्या राशि: व्यापार में सफलता और आर्थिक सुधार

कन्या राशि वालों के लिए यह युति 12वें भाव में होगी, जो विदेश, निवेश, और खर्चों से संबंधित है। व्यापारियों को सफलता मिलेगी और कोर्ट केस में अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं।

  • लाभ: नए वाहन या प्रॉपर्टी खरीदने की योजना सफल होगी। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और पुराने निवेश से लाभ मिलेगा।
  • सावधानी: खर्चों पर नियंत्रण रखें।

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तुला राशि: आय और इच्छापूर्ति में वृद्धि

तुला राशि वालों के लिए मंगल और केतु की युति 11वें भाव में होगी। यह भाव आय और इच्छाओं की पूर्ति का स्थान है।

  • लाभ: आय में वृद्धि होगी, रुका हुआ धन प्राप्त होगा और नए आय के स्रोत बनेंगे। सामाजिक स्थिति मजबूत होगी।
  • सावधानी: वाद-विवाद से बचें।

वृश्चिक राशि: भाग्य का साथ और सफलता

वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल हैं। इस गोचर का प्रभाव आपके लिए सकारात्मक रहेगा। मंगल और केतु की युति नवम भाव में होगी।

  • लाभ: भाग्य का साथ मिलेगा, व्यापार में विस्तार होगा और नए प्रोजेक्ट्स लाभदायक होंगे। धार्मिक या मांगलिक कार्यों में शामिल हो सकते हैं।
  • सावधानी: जल्दबाजी से बचें।

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धनु राशि: धार्मिक यात्राएं और नई संभावनाएं

धनु राशि वालों के लिए यह युति नवम भाव में होगी, जो भाग्य, धर्म, और लंबी यात्राओं से संबंधित है।

  • लाभ: कार्यक्षेत्र में सफलता और विदेश से जुड़े कामों में लाभ मिलेगा। धार्मिक यात्राओं के योग बनेंगे। परिवार और संतान से जुड़े मामलों में सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।
  • सावधानी: धैर्य और संतुलन बनाए रखें।

उपाय और सुझाव

  1. मंगल और केतु की उग्र ऊर्जा को संतुलित करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  2. मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा करें।
  3. लाल वस्त्र दान करें और क्रोध पर नियंत्रण रखें।

7 जून 2025 को मंगल का सिंह राशि में गोचर और केतु के साथ युति से बनने वाला कुजकेतु योग जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में प्रभाव डालेगा। कुछ राशियों के लिए यह समय प्रगति और समृद्धि का होगा, तो कुछ के लिए यह संयम और धैर्य की परीक्षा ले सकता है। ज्योतिषीय उपाय अपनाकर इस युति के प्रभाव को सकारात्मक रूप से अनुभव किया जा सकता है।

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