India News (इंडिया न्यूज), Shanidev Katha: क्या आप जानते हैं कि शनिदेव और शिव जी के बीच भयंकर युद्ध हुआ था। यह युद्ध इतना भयंकर था कि भगवान शंकर को अपनी तीसरी आंख खोलनी पड़ी। तीसरी आंख खोलने के बाद शनिदेव शिव-शंभू के सामने गिर पड़े। जिसके बाद शिव जी ने उन्हें 19 साल की सजा दी। धार्मिक और पौराणिक कथाओं के अनुसार, सूर्यदेव ने अपने सभी पुत्रों को उनकी योग्यता के अनुसार अलग-अलग लोकों का मालिक बनाया था। लेकिन, शनिदेव इस बंटवारे से खुश नहीं थे। जिसके बाद शनिदेव ने अपनी शक्ति का इस्तेमाल कर उन लोकों पर अधिकार कर लिया, जो उन्हें नहीं मिले थे।
सूर्यदेव क्रोधित हो गए
जब सूर्यदेव को इस बात का पता चला तो वे शनिदेव की हरकतों से बहुत दुखी हुए। जिसके बाद सूर्यदेव मदद मांगने भगवान शिव के पास पहुंचे। सूर्यदेव की बात सुनकर शिव ने अपने अनुयायियों को शनिदेव से युद्ध करने के लिए भेजा। शक्तिशाली शनि ने सभी को परास्त कर दिया।
शिव और शनिदेव के बीच युद्ध
जिसके बाद शिव को स्वयं युद्ध के मैदान में जाना पड़ा। दोनों के बीच भीषण युद्ध चल रहा था। इसी बीच शनि ने शिव पर घातक दृष्टि डाली। जैसे ही शिव ने देखा कि शनिदेव ने घातक दृष्टि का प्रयोग किया है, उन्होंने तुरंत अपनी तीसरी आंख खोली। तीसरी आंख खुलते ही शनिदेव आश्चर्यचकित हो गए और उनका अहंकार टूट गया।
शिव ने शनिदेव को उल्टा लटका दिया
शनिदेव को दंडित करने के लिए शिव ने उन्हें 19 वर्षों तक पीपल के पेड़ पर उल्टा लटका दिया। इस दौरान शनिदेव 19 वर्षों तक भगवान शंकर की पूजा करते रहे। यही कारण है कि जब भी कोई व्यक्ति शनि महादशा के प्रभाव में होता है, तो उसकी आयु 19 वर्ष होती है।
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