India News (इंडिया न्यूज), Maa Kalratri & Devi Shailputri: नवरात्रि के दौरान महिलाओं को अगर पीरियड्स आ जाएं, तो इसे लेकर कई जगहों पर अलग-अलग धारणाएं हैं। हालांकि, धर्म और अध्यात्म में यह मान्यता है कि महिला का शरीर प्राकृतिक प्रक्रियाओं से गुजरता है, और मां दुर्गा, जो स्वयं एक स्त्री शक्ति का प्रतीक हैं, उन पर इस प्रकार की प्राकृतिक प्रक्रियाओं का कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।
अगर नवरात्रि के दौरान महिलाओं को पीरियड्स आ जाते हैं, तो वे निम्नलिखित रूप में मां दुर्गा की पूजा कर सकती हैं:
मां दुर्गा के ध्यान में लीन रहें:
शारीरिक पूजा में भाग लेने के बजाय, महिलाएं मानसिक पूजा कर सकती हैं। मां दुर्गा का ध्यान, मंत्रों का जाप और भक्ति भाव से की गई प्रार्थना भी उतनी ही फलदायी मानी जाती है।
मां शैलपुत्री की पूजा:
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है, जो पर्वत की बेटी हैं। उनकी पूजा करते हुए प्राकृतिक प्रक्रियाओं का सम्मान किया जाता है, और माना जाता है कि उनका आशीर्वाद सभी प्रकार की प्राकृतिक प्रक्रियाओं में शांति और शक्ति प्रदान करता है।
मां कालरात्रि की पूजा:
नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। यह देवी हर प्रकार की नकारात्मकता को नष्ट करती हैं और भक्तों की हर बाधा को दूर करती हैं। उनके पूजा करने से शारीरिक और मानसिक समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।
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भक्ति और सेवा:
इस समय महिलाएं आंतरिक पूजा पर ध्यान दें। मां दुर्गा की भक्ति और सेवा जैसे ज़रूरतमंदों की मदद करना, सकारात्मक विचार रखना, और संयमित जीवनशैली को अपनाना भी पुण्य का काम है।
ऐसे समय में यह ज़रूरी है कि धार्मिक और सांस्कृतिक विश्वासों का पालन करते हुए व्यक्तिगत स्वच्छता का भी ध्यान रखा जाए। मां दुर्गा की शक्ति और आशीर्वाद को अपने हृदय में अनुभव करना ही असली भक्ति है। इस प्रकार, पीरियड्स के दौरान भी महिलाएं मां के प्रति अपनी श्रद्धा को बनाए रख सकती हैं और उन्हें मानसिक रूप से पूज सकती हैं।