India News (इंडिया न्यूज), Maha Kumbh 2025: महाकुंभ का महत्व हमारे धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन में अत्यधिक है। यह एक विशेष अवसर होता है जब लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान करने के लिए एकत्रित होते हैं, ताकि वे अपने पापों से मुक्त हो सकें और पुण्य की प्राप्ति कर सकें। हालांकि, हर किसी के लिए महाकुंभ में physically भाग लेना संभव नहीं होता। ऐसे में, शंकराचार्य स्वामी ने एक खास तरीका बताया है, जिससे आप घर बैठे भी महाकुंभ के स्नान का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।

घर बैठे महाकुंभ स्नान का पुण्य कैसे प्राप्त करें?

शंकराचार्य स्वामी ने बताया कि महाकुंभ के स्नान का पुण्य प्राप्त करने के लिए अगर आप निम्नलिखित तरीके अपनाएं, तो आप घर बैठे भी इस पुण्य लाभ का हिस्सा बन सकते हैं:

  1. मन से श्रद्धा और आस्था: महाकुंभ का महत्व सिर्फ शारीरिक स्नान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक मानसिक और आध्यात्मिक प्रक्रिया भी है। घर बैठे आप पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ महाकुंभ के समय गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान की भावना रख सकते हैं। अपने मन और हृदय को शुद्ध करने के लिए इस समय विशेष रूप से ध्यान और साधना करें।
  2. गंगा जल का उपयोग: शंकराचार्य स्वामी के अनुसार, महाकुंभ के समय गंगा जल को घर लाकर उसकी पवित्रता का अनुभव किया जा सकता है। आप गंगा जल को घर में रखें और उसका छिड़काव करें या फिर उसे अपने पंखे में रखें। इसके साथ ही, गंगा जल के साथ स्नान करने से भी पुण्य की प्राप्ति होती है। यदि गंगा जल नहीं मिल पा रहा हो, तो किसी भी पवित्र जल का उपयोग भी किया जा सकता है।
  3. साधना और भजन-कीर्तन: घर पर ही विशेष रूप से भजन, कीर्तन, और ध्यान का आयोजन करें। महाकुंभ के समय आप ओम् नम: शिवाय, महामृत्युंजय मंत्र जैसे मंत्रों का जाप करके पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। इस समय की गई साधना आपके आत्मिक उन्नति में सहायक होगी। विशेष रूप से शिव और काली माता की पूजा से पुण्य की प्राप्ति होती है।
  4. दान और सेवा: महाकुंभ के समय दूसरों की मदद करना भी पुण्य का कार्य माना जाता है। आप गरीबों को भोजन, वस्त्र या अन्य आवश्यक वस्तुएं दान करके पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। यह सेवा कार्य न केवल आपकी आत्मा को शांति प्रदान करेगा, बल्कि आपको महाकुंभ के समय का पूरा लाभ देगा।
  5. निर्गुण ध्यान और योग: घर पर ही योग और प्राणायाम का अभ्यास करें। योग के द्वारा शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है, और यह आपके जीवन को संतुलित बनाता है। साथ ही, यह आपके आत्मा की पवित्रता को भी बढ़ाता है।

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महाकुंभ का पुण्य केवल संगम में स्नान करने से ही नहीं मिलता, बल्कि श्रद्धा, भक्ति, साधना, और सेवा से भी पुण्य की प्राप्ति होती है। शंकराचार्य स्वामी के अनुसार, यदि आप इन सभी तरीकों को अपने जीवन में अपनाते हैं, तो आप घर बैठे भी महाकुंभ के स्नान का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। यह समय केवल बाहरी स्नान का नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि और दिव्य ज्ञान की प्राप्ति का है।

जिस महाकुंभ में नहाने से मिट जाते है सभी पाप, उस ही कुंभ में स्नान करना कब बन सकता है जानलेवा?