India News (इंडिया न्यूज),Mahakumbh 2025: पंचांग के अनुसार 13 जनवरी से महाकुंभ शुरू हो चुका है और इसका समापन अगले महीने यानी 26 फरवरी को होगा। इस दिन महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर महाकुंभ का अंतिम अमृत स्नान होगा। महाकुंभ में संगम तट पर स्थित लेटे हनुमान जी मंदिर में बेहद खास उल्लास देखने को मिल रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं लेटे हनुमान मंदिर की मान्यता के बारे में। अगर आप भी महाकुंभ में जा रहे हैं तो संगम में स्नान करने के बाद लेटे हनुमान जी के दर्शन जरूर करें।

नहीं मिलता तिर्थ का पूरा लाभ

धार्मिक मान्यता के अनुसार लेटे हनुमान जी के दर्शन न करने से संगम स्नान का पूरा लाभ नहीं मिलता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लेटे हनुमान मंदिर इतना प्रसिद्ध क्यों है? अगर आप नहीं जानते हैं तो आइए आपको बताते हैं इस मंदिर से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें। उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में संगम तट पर लेटे हुए हनुमान जी का मंदिर है। यह मंदिर बहुत प्रसिद्ध माना जाता है। इस मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति लेटी हुई मुद्रा में है। कहा जाता है कि जब यहां बाढ़ आती है तो मंदिर पानी से भर जाता है। तब हनुमान जी गंगा में स्नान करते हैं। यह दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां हनुमान जी की लेटी हुई मूर्ति की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार संगम में स्नान का पूरा लाभ लेटे हुए हनुमान जी के दर्शन करने के बाद ही मिलता है।

संकट से मिलती है मुक्ति

मान्यता है कि हनुमान जी के दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में दुख और संकट से मुक्ति मिलती है। मंगलवार और शनिवार या किसी भी त्यौहार के दिन लाट हनुमान मंदिर में भारी भीड़ देखने को मिलती है। सभी मानसिक रूप से बीमार लोग हनुमान जी का झंडा चढ़ाते हैं। इसके साथ ही बजरंगबली की विशेष पूजा की जाती है।

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कैसे पड़ा लेटे हनुमान मंदिर का नाम

मंदिर के बारे में कहा जाता है कि जब बजरंगबली लंका पर विजय प्राप्त करके लौट रहे थे, तो भगवान को थकान महसूस हुई, इसलिए माता सीता के कहने पर बजरंगबली संगम के तट पर लेट गए। इसी वजह से इस स्थान पर लट्ठे हनुमान मंदिर का निर्माण किया गया। इस मंदिर से जुड़ी खास बात यह है कि जब गंगा जी मंदिर में प्रवेश करती हैं, तो हनुमान जी गंगा के पानी में डूब जाते हैं।

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