India News (इंडिया न्यूज़), Mahabharat: महाभारत के महायुद्ध को आज भी अधिकतर लोग न्याय और अन्याय के बीच हुए युद्ध के तौर पर याद करते हैं, लेकिन महाभारत युद्ध के होने का सबसे बड़ा कारण द्रौपदी के हुए अपमान को भी माना जाता है। हस्तिनापुर के राजमहल में भरी सभा में जिस तरह द्रौपदी का अपमान किया गया था, अपने अपमान के प्रतिशोध में द्रौपदी ने पांचो पांडव के सामने प्रतिज्ञा ली थी कि जब तक दुर्योधन और दुशासन के खून से उसके बाल नहीं सींच दिए जाते, द्रौपदी अपने बाल नहीं खोलेगी।
- द्रौपदी ने चीरहरण के बाद प्रतिज्ञा ली थी
- भीष्म ने किया था अम्बा का अपमान
- पुर्नजन्म में अंबा बनी शिखंडी ने प्रतिशोध लिया
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महाभारत में शैतान के बदले की कहानियां
इसके साथ ही द्रौपदी सौ कौरवों समेत हर उस व्यक्ति से प्रतिशोध लेना चाहती थी, जो प्रतिशोध का ये अपमान देखकर भी चुप खड़े थे। महाभारत में द्रौपदी के स्थान पर ऐसी और भी प्रतिशोधी महिलाएं थीं। जिनमें दुर्योधन की पत्नी का नाम भी शामिल है। अन्याय पर अन्याय की कहानियां हमें कलियुग में भी यही सीख देती हैं कि कभी भी किसी स्त्री के साथ अन्याय नहीं करना चाहिए, अन्याय करने वाला कितना भी बुरा क्यों न हो, उसका विनाश निश्चित है। आइए जानते हैं महाभारत में शैतान के बदले की कहानियां।
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द्रौपदी ने चीरहरण के बाद प्रतिज्ञा ली थी
महाभारत में बदला लेने वाली महिलाओं में सबसे पहला नाम द्रौपदी का था। जिस तरह से द्रौपदी को दरबार में निर्वस्त्र कर अपमानित किया गया था। द्रौपदी ने बदला लेने की प्रतिज्ञा की थी। जब कुरुक्षेत्र की रणभूमि पर कौरवों सहित सभी वरिष्ठ योद्धाओं का विनाश हो गया, तो द्रौपदी का बदला भी पूरा हुआ। साथ ही भीम ने दुर्योधन और दुशासन का वध कर उनके खून से द्रौपदी के बालों को सींचा और उनका खून पिया, जिसके बाद द्रौपदी की प्रतिज्ञा पूरी हुई।
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दुर्योधन की पत्नी भानुमति का भी बदला हुआ पूरा
दुर्योधन की पत्नी भानुमति थी लेकिन भानुमति ने अपनी मर्जी से दुर्योधन से विवाह नहीं किया था। कम्बोज देश के राजा की पुत्री भानुमति के विवाह के लिए स्वयंवर का आयोजन किया गया था। इस स्वयंवर में भाग लेने के लिए देश-विदेश से राजा-महाराजा आए थे लेकिन दुर्योधन ने अपने मित्र कर्ण की मदद से भानुमति को भरी सभा से अगवा कर लिया। भानुमति का भरी सभा में अपहरण करना राजकुमारी भानुमति और उसके पिता का अपमान था। भानुमति दुर्योधन से विवाह नहीं करना चाहती थी इसलिए जबरदस्ती विवाह करने के कारण भानुमति ने दुर्योधन को श्राप दिया कि इतिहास में उसे एक क्रूर, अधर्मी और धोखेबाज व्यक्ति के रूप में जाना जाएगा और मरने के बाद भी उसे बदनामी मिलेगी। दुर्योधन की मृत्यु के बाद भानुमति का बदला पूरा हुआ। दुर्योधन की मृत्यु के बाद भानुमति ने अर्जुन से विवाह कर लिया।
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