India News (इंडिया न्यूज),Mahabharat story: महाभारत का युद्ध भारतीय इतिहास के सबसे विनाशकारी युद्धों में से एक था। इस युद्ध का स्थल कुरुक्षेत्र हमेशा से रहस्य और जिज्ञासा का विषय रहा है। भगवान कृष्ण ने इस महायुद्ध के लिए पूरे भारत में कुरुक्षेत्र को ही क्यों चुना? कहा जाता है कि जब युद्ध की पुष्टि हो गई तो भगवान कृष्ण ने पूरे देश में अपने दूत भेजे। उन्हें ऐसी भूमि ढूंढनी थी जो इस महायुद्ध के लिए सबसे उपयुक्त हो।

युद्ध के लिए कुरुक्षेत्र को ही क्यों चुना गया?

भगवान कृष्ण को डर था कि भाई-बहन, गुरु-शिष्य या रिश्तेदारों के बीच युद्ध देखकर लोग भावुक हो सकते हैं और युद्ध रोक सकते हैं, इसलिए वे ऐसी जगह चाहते थे जहां क्रोध और घृणा की भावनाएं इतनी गहराई से समाहित हों कि युद्ध के दौरान ये भावनाएं हावी हो जाएं।

जब दूतों ने उन्हें कुरुक्षेत्र के बारे में बताया तो श्री कृष्ण चौंक गए। उन्हें बताया गया कि कुरुक्षेत्र में एक भाई ने अपने छोटे भाई को सिर्फ इसलिए मार डाला क्योंकि उसने खेत की सीमा तोड़ने से मना कर दिया था। बड़े भाई ने क्रोधित होकर छोटे भाई को चाकू मार दिया और उसकी लाश को घसीटकर टूटी हुई सीमा पर फेंक दिया।

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इसलिए श्रीकृष्ण ने युद्ध के लिए कुरुक्षेत्र को चुना

यह घटना सुनकर श्रीकृष्ण समझ गए कि कुरुक्षेत्र ही वह स्थान है, जहां महाभारत का युद्ध लड़ा जाना चाहिए। इस भूमि पर इतना खून बहा था कि यह युद्ध के लिए बिल्कुल उपयुक्त थी। यहां की मिट्टी में क्रोध और घृणा की भावना इतनी गहराई से समाई हुई थी कि अगर यहां युद्ध होता तो दया या करुणा की कोई भावना जागृत नहीं होती।

कुरुक्षेत्र को चुनने के पीछे एक और कारण भी बताया जाता है। कहा जाता है कि एक बार भगवान इंद्र कुरुक्षेत्र आए थे। उन्होंने कौरवों से पूछा था कि वे इस भूमि को क्यों जोत रहे हैं? कौरवों ने कहा था कि जो भी इस भूमि पर मारा जाएगा, वह स्वर्ग जाएगा। भगवान इंद्र ने इसे स्वीकार कर लिया था, इसीलिए भीष्म, कृष्ण और अन्य योद्धा जानते थे कि जो भी इस भूमि पर मारा जाएगा, वह स्वर्ग जाएगा।

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