India News (इंडिया न्यूज), Mahakumbh 2025: प्रयागराज में चल रहे महाकुम्भ में दिन प्रतिदिन भीड़ बढ़ती ही जा रही है। लगभग 10 करोड़ का आंकड़ा श्रद्धालुओं ने पार कर लिया है। आज सुबह-सुबह ही मौनी अमावस्या के शुभ अवसर पर महाकुंभ मेले में करोड़ों श्रद्धालु संगम स्नान के लिए पहुंचे। लोग अमृत स्नान के लिए इतने बेचैन हो उठे थे कि वहां चलना भी मुश्किल हो गया था। चलते-चलते लोगों का सांस फूलने लगा। महिलाएं एक-दूसरे को धक्का देते हुए एक के ऊपर एक गिरने लगीं। कुछ ही समय में वहां अफरा-तफरी मच गई। और एक भयानक मंजर आंखों के सामने बन गया।

अखाड़ों ने अमृत स्नान न करने का किया फैसला

बैरिकेडिंग टूटने के बाद अचानक ही मेले में भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में कई लोगों के घायल होने की सुचना है। घायलों को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भगदड़ में लगभग 15 लोगों के मरने की आशंका है। हालांकि, अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। इस घटना पर ताजा अपडेट खुद सीएम योगी ने दी है। सीएम योगी के अनुसार प्रयागराज में अभी 8 से 9 करोड़ श्रद्धालु मौजूद हैं। फिलहाल सभी अखाड़ों ने अमृत स्नान न करने का फैसला किया है।

महाकुंभ के साथ साथ इस जगह भी मची तबाही! वाहनों की लगी कतारें, लोगों का हुआ बूरा हाल

मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान का महत्व

सीएम योगी ने भगदड़ का कारण लोगों में संगम तट पर पहुंचने की होड़ के चलते बताई है। अब हम जिस बारे में बात करने वाले हैं वो ये है कि वो कौन सी जगह है जहां हर कोई अमृत स्नान करने के लिए इतना बेचैन दिखा है। ऐसा उस जगह का क्या महत्व है जहां सभी श्रद्धालु डुबकी लगाना चाहते हैं। आपको बता दें कि दरअसल, महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान का बहुत अधिक महत्व है। इस दिन देशभर से श्रद्धालु स्नान करने के लिए उत्सुक रहते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि आज 10 करोड़ श्रद्धालुओं संगम स्नान कर सकते हैं। मौनी अमावस्या का अमृत स्नान बुधवार सुबह से ही शुरू हो गया था।

क्यों खास है संगम नोज ?

दरअसल, जिस स्थान पर भगदड़ मची है उसे संगम नोज कहा जाता है। संगम नोज ही वह स्थान है जहां मंगलवार रात करीब डेढ़ बजे भगदड़ मची थी। इसकी आकृति के कारण इसे संगम नोज कहा जाता है। आपको बता दें कि संगम नोज पर यमुना, गंगा और सरस्वती का एक साथ संगम होता है। यहीं पर यमुना और सरस्वती जो दिखाई नहीं देती हैं वो भी गंगा में आकर मिल जाती हैं। इसी कारण से यहां स्नान करने का धार्मिक महत्व माना जाता है। लोग संगम स्नान को बहुत ज्यादा पवित्र मानते हैं। साधु-संत, नागा साधु और न जानें कितने पंडित और आध्यात्मिक लोग यहां स्नान करते हैं। इसके साथ आम लोग भी इस जगह पर स्नान करने के लिए आगे रहते हैं। बुधवार तड़के मची भगदड़ की वजह भी यही थी। प्रयागराज में वैसे तो कई घाट और तट हैं, लेकिन लोग यहां स्नान करना सबसे पुण्य का काम मानते हैं।

जानिए संगम नोज पर क्या हुआ?

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ संगम नोज पर स्नान करने पहुंची थी। क्षमता से अधिक संख्या होने के कारण वहां अफरातफरी मच गई। आधी रात के बाद करीब 2 बजे कुंभ मेला क्षेत्र में लाउडस्पीकरों से गूंज रहे मंत्रों और श्लोकों के निरंतर उच्चारण के बीच संगम की ओर दौड़ती एंबुलेंस और पुलिस की गाड़ियों के तेज सायरन गूंजने लगे। घायलों को मेला क्षेत्र में बने केंद्रीय अस्पताल ले जाया गया। कई घायलों के परिजन भी वहां पहुंचे, साथ ही कुछ वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी वहां पहुंचे। महाकुंभ में मची भगदड़ को लेकर लखनऊ से दिल्ली तक हड़कंप मच गया। पीएम मोदी ने सीएम योगी को कई बार फोन कर हालात का जायजा लिया। सीएम योगी भी सुबह 4 बजे से ही अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे और हालात पर नजर बनाए हुए थे। 144 साल बाद बना संयोग

इस साल बन रहा ये दुर्लभ खगोलीय संयोग

जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस साल 144 साल बाद ‘त्रिवेणी योग’ नामक दुर्लभ खगोलीय संयोग बन रहा है, जो आज के आध्यात्मिक महत्व को बहुत अधिक बढ़ा रहा है। आज सुबह 8 बजे तक 3 करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं। मौनी अमावस्या से एक दिन पहले मंगलवार को रात 8 बजे तक 4.83 करोड़ लोगों ने डुबकी लगाई, जबकि इससे पहले मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़ और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगाई थी। साधु-संतों के अनुसार आज के दिन संगम स्नान करने से इंसान अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता है। इसलिए लोग इस स्नान में बढ़ चढ़ कर भाग ले रहे हैं।

मौनी अमावस्या का 50 वर्षों बाद बना दुर्लभ त्रिवेणी योग, जाने गंगा स्नान का विशेष महत्व