India News (इंडिया न्यूज) , Kumbh Mela 2025 : आज 13 जनवरी 2025 से प्रयागराज में महाकुंभ का शुभारंभ हो गया है। प्रशासन के मुताबिक इस बार 40 करोड़ लोग महाकुंभ में आकर स्नान करेंगे। भारत के अलावा विदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की बात कही जा रही है, और प्रयागराज में ऐसा देखने के भी मिल रहा है। दुनिया भर से लोग कुंभ पहुंच रहे हैं। इसी कड़ी में तुर्की की निवासी पिनार भी शामिल हैं। पिनार ने महाकुंभ में हिस्सा लिया और भारतीय संस्कृति तथा परंपराओं से खुद को परिचित किया। पिनार ने संगम में स्नान किया, तिलक लगाया और सनातन धर्म की राह पर चलने का अनुभव लिया। पिनार के मुताबिक उन्हें महाकुंभ के बारे में अपने दोस्तों से सुना था।

इसके बाद से ही वो भारत आकर इसे देखने की इच्छा जता रही थी। महाकुंभ पहुंचकर पिनार ने बताया कि भारतीय संस्कृति के प्रति उनका आकर्षण महाकुंभ के वातावरण में पूरी तरह से महसूस हुआ। उन्होंने इसे दिव्य और भव्य बताया और गंगा स्नान तथा संगम की रेत पर चलने को अविस्मरणीय अनुभव बताया।

शाही स्नान करने से पहले नागा साधु क्यों करते हैं 17 श्रृंगार, पीछे की वजह जान उड़ जाएगा होश

पिनार ने महाकुंभ को लेकर क्या कुछ कहां?

पिनार का मानना है कि महाकुंभ उनके लिए एक आध्यात्मिक यात्रा साबित हुई। पिनार ने यहां पर स्नान, ध्यान और तिलक लगाकर सनातन धर्म के प्रति अपने सम्मान और आस्था को व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ का माहौल उन्हें भारतीय परंपराओं की गहराई को समझने का अवसर देता है। उनका अनुभव ये दर्शाता है कि महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक अनुभव भी है जो दुनियाभर के लोगों को भारत की विविधता और धर्मनिष्ठता से जोड़ता है।

महाकुंभ की सुरक्षा चाक चौबंद

प्रयागराज में महाकुंभ को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। इसी कड़ी में यूपी पुलिस कुंभ मेला पुलिस, एनएसजी, एटीएस, एनडीआरएफ और बाकी पैरामिलिट्री फोर्सेज लगातार मॉक ड्रिल का अभ्यास कर रहे हैं। शनिवार (11 जनवरी) को भी बोट क्लब पर एक संयुक्त मॉक ड्रिल की गई। इसमें एनएसजी, यूपी एटीएस, एनडीआरएफ और जल पुलिस ने हिस्सा लिया। इस मॉक ड्रिल के माध्यम से सुरक्षा बलों ने महाकुंभ के दौरान आने वाली किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अपनी तैयारियों को परखा।

राहुल गांधी की धुर विरोधी इस नेत्री को दिल्ली के चुनावी रण में उतारेगी भाजपा, AAP की बोलती हुई बंद, केजरीवाल को सताने लगा हार का डर