India News (इंडिया न्यूज), Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान शिव की पूजा का विशेष अवसर होता है। इस दिन, भक्त शिवलिंग पर जल, दूध, बेल पत्र, और अन्य भोग अर्पित करते हैं। लेकिन एक महत्वपूर्ण बात यह है कि शिवलिंग पर चढ़ाए गए प्रसाद को खाने से जुड़ी कुछ धार्मिक मान्यताएं भी हैं।
1. मिट्टी, पत्थर और चीनी मिट्टी के शिवलिंग का प्रसाद न खाएं
मान्यता है कि मिट्टी, पत्थर और चीनी मिट्टी से बने शिवलिंग पर चढ़ाया गया प्रसाद कभी नहीं खाना चाहिए। इन शिवलिंगों को चण्डेश्वर का हिस्सा माना जाता है, और इन्हें श्रद्धा और सम्मान के साथ पूजा में इस्तेमाल किया जाता है। इस कारण से, इस प्रकार के शिवलिंग पर चढ़ाए गए प्रसाद को खाने से बचना चाहिए।
यदि आपने इस प्रकार के शिवलिंग पर चढ़ाया हुआ प्रसाद लिया है, तो इसे जल में विसर्जित कर देना चाहिए, ताकि यह उचित रूप से सम्मानित हो और कोई गलत असर न हो।
2. चांदी, तांबा, पीतल से बने शिवलिंग का प्रसाद खा सकते हैं
चांदी, तांबा, पीतल जैसी धातुओं से बने शिवलिंग का प्रसाद खाने की मान्यता है। इन शिवलिंगों को विशेष रूप से भगवान शिव का अंश माना जाता है। इन पर अर्पित किया गया प्रसाद स्वीकार्य होता है और इसे भक्त ग्रहण कर सकते हैं।
3. पारद (पारा)
इसी तरह, पारद (पारा) से बने शिवलिंग पर चढ़ाया गया प्रसाद भी स्वीकार्य होता है। पारद शिवलिंग को विशेष रूप से शुभ और पवित्र माना जाता है, और इस पर चढ़ाया गया प्रसाद भी खाने में कोई आपत्ति नहीं है।
महाशिवरात्रि के दिन, भगवान शिव की पूजा और उनके प्रसाद को लेकर ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। यदि आप शिवलिंग पर प्रसाद अर्पित करते हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि वह प्रसाद सही प्रकार के शिवलिंग पर चढ़ाया गया हो। मिट्टी, पत्थर या चीनी मिट्टी के शिवलिंग पर चढ़ाए गए प्रसाद को न खाएं, बल्कि इसे जल में विसर्जित कर दें। वहीं, चांदी, तांबा, पीतल और पारद से बने शिवलिंग पर चढ़ाया गया प्रसाद भोजन के रूप में स्वीकार किया जा सकता है।