India News (इंडिया न्यूज), Matuknath Spoke On Mahakumbh: महाकुंभ से कितने लोगों की आस्था जुडी है ये बात तो वहां की भीड़ देखकर ही साफ हो गई है। लेकिन बिहार की यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मटुकनाथ चौधरी को महाकुंभ से ढेरों शिकायतें हैं। दरअसल, हाल ही में लव गुरु के नाम से मशहूर प्रोफेसर मटुकनाथ ने महाकुम्भ पर विवादित बयान दिया है। मटुकनाथ ने कुंभ मेले को दुनिया की सबसे गंदी चीज बताया है और वहां आए साधु-संतों को ढोंगी और पाखंडी कहा है। टीवी9 भारतवर्ष से बातचीत के दौरान मटुकनाथ ने कहा कि महाकुंभ में कहीं भी साधना और अध्यात्म नजर नहीं आता। उन्होंने साधुओं की विभिन्न तपस्याओं और साधनाओं को दिखावा बताते हुए कहा कि यह सब सिर्फ ढोंग है। उनके अनुसार, कुंभ में कुछ साधु कांटों पर लेटते हैं, कुछ आग पर बैठते हैं, तो कुछ अजीबोगरीब हरकतें करते हैं, लेकिन इसका धर्म और अध्यात्म से कोई लेना-देना नहीं है।

बहुत फेमस है मटुकनाथ की लव स्टोरी

महाकुम्भ पर की तीखी टिप्पणी के बाद वह लोगों के निशाने पर आ गए हैं। लोग उनके बारे में अधिक जानना चाहते हैं। तो आपको बता दें की मटुकनाथ चौधरी अपनी लव स्टोरी को लेकर खासे प्रसिद्ध रहे हैं। उनकी प्रेम कहानी भी पूरी नहीं हुई थी। बिहार के प्रोफेसर मटुकनाथ चौधरी और उनकी पूर्व छात्रा जूली कुमारी की प्रेम कहानी एक समय बहुत फेमस थी। यह प्रेम किसी भी सामाजिक बंधन को नहीं मानता था, उम्र का फासला भी इसे रोक न सका। लेकिन अब यह कहानी अतीत बन चुकी है। मटुकनाथ और जूली के रास्ते अलग हो चुके हैं। जूली अब वेस्टइंडीज में बस चुकी हैं और मटुकनाथ अकेले अपने पैतृक गांव नवगछिया के कोरचक्का में जीवन बिता रहे हैं।

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प्रेम से अलग होने की क्या रही वजह?

मटुकनाथ और जूली का प्रेम जब सार्वजनिक हुआ तो यह एक साहसिक कदम माना गया। समाज ने इस रिश्ते को अपनाने में झिझक दिखाई, परिवारों ने नाता तोड़ लिया। खासकर मटुकनाथ के परिवार ने उन्हें पूरी तरह अस्वीकार कर दिया, जिससे वे अपनी पत्नी और बच्चों से भी अलग हो गए। हालांकि, उन्होंने इसे प्यार की परीक्षा माना और जूली के साथ अपनी जिंदगी जीने का फैसला किया। लेकिन 2014 में जूली ने मटुकनाथ का साथ छोड़ दिया और वेस्टइंडीज में जाकर बस गईं। इसके बाद से दोनों के बीच केवल कभी-कभी फोन पर बातचीत होती है। कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐसा माना जाता है कि, मटुकनाथ को उनके बीवी बच्चों ने धक्के मार कर निकाला था।

मटुकनाथ का अकेलापन

अब 70 के दशक में पहुंच चुके मटुकनाथ खुद को अकेला नहीं मानते। वे कहते हैं, प्यार कोई बंधन नहीं होता, इसे किसी को पकड़कर रखने की चीज नहीं समझना चाहिए। जूली की अपनी यात्रा थी, उसने अपना रास्ता चुना। जूली के जाने के बाद मटुकनाथ अकेले जीवन बिता रहे हैं और एक निजी स्कूल चला रहे हैं। जब जूली बीमार हुई थीं, तब वे उनसे मिलने वेस्टइंडीज भी गए थे, लेकिन उनका साथ फिर भी दोबारा नहीं जुड़ सका।

मटुकनाथ को जूली के लौटने की अब भी उम्मीद

जूली से अलग होने के बावजूद मटुकनाथ ने उनके प्रति कोई कड़वाहट नहीं रखी। वे कहते हैं, “अगर जूली वापस आ जाए तो फिर से प्रेम महोत्सव शुरू हो जाएगा।” उनका मानना है कि प्यार कभी खत्म नहीं होता, जब तक जीवन है, तब तक प्रेम रहेगा। हालांकि, जूली की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। उन्होंने क्यों दूरी बनाई, यह स्पष्ट नहीं हो पाया।

21वीं सदी की सबसे चर्चित प्रेम कहानी का अंत?

मटुकनाथ और जूली की प्रेम कहानी ने प्रेम के पारंपरिक दायरों को चुनौती दी थी। यह समाज में अलग सोच रखने वालों के लिए प्रेरणा भी बनी और आलोचना का कारण भी। लेकिन आखिरकार, यह प्रेम भी समय की धारा में बह गया। अब सवाल यह है कि क्या जूली दोबारा मटुकनाथ की जिंदगी में लौटेंगी, या यह प्रेम कहानी यहीं खत्म हो गई? फिलहाल, मटुकनाथ अपने अतीत की यादों के साथ जीवन बिता रहे हैं और प्यार को एक आज़ादी के रूप में देख रहे हैं।

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