India News (इंडिया न्यूज़),Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष के दौरान हम अपने पूर्वजों की याद में कई काम करते हैं। इस दौरान पितरों को तर्पण करना, उनके लिए दान करना, उनका ध्यान करना बहुत शुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, अगर हम पितृ पक्ष के दौरान अपने पितरों को प्रसन्न करते हैं तो हमें जीवन की कई समस्याओं से मुक्ति मिलती है। साथ ही पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है। इस दौरान आप न सिर्फ दान-पुण्य करके बल्कि कुछ खास जगहों पर दीपक जलाकर भी पितरों का आशीर्वाद पा सकते हैं। आज हम आपको इन जगहों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।
पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं
दरअसल, माना जाता है कि पीपल के पेड़ में हमारे पूर्वजों का वास होता है। खास तौर पर पितृ पक्ष के दौरान जब पूर्वज धरती पर आते हैं तो पीपल के पेड़ को उनका निवास स्थान माना जाता है। ऐसे में अगर आप पितृ पक्ष के दौरान पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाते हैं तो पितरों का आशीर्वाद आप पर बरसता है। साथ ही ये काम करने से पितरों की आत्मा को भी शांति मिलती है। ऐसा करने से पितर आपको सही राह दिखाते हैं और आपको जीवन में सफलता मिलती है।
दक्षिण दिशा में जलाएं चौमुखी दीपक
वास्तु शास्त्र के अनुसार, अगर हम दक्षिण दिशा में चौमुखी दीपक जलाते हैं तो पितर प्रसन्न होते हैं। इसे यम की दिशा भी माना जाता है, इसलिए इस दिशा में दीपक जलाने से पितरों की आत्मा तृप्त होती है। दक्षिण दिशा में चौमुखी दीपक जलाने से आपको पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है। इस उपाय को करने से आपको करियर और व्यापार में आ रही समस्याओं का समाधान भी मिलने लगता है। इसलिए पितृ पक्ष के दौरान हर किसी को ये काम जरूर करना चाहिए।
मुख्य द्वार पर जलाएं दीपक
पितर घर के मुख्य द्वार से घर में प्रवेश करते हैं, इसलिए पितृ पक्ष के दौरान घर के मुख्य द्वार पर दीपक जरूर जलाएं। पितृ पक्ष में आप ये काम हर दिन कर सकते हैं। घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से आपके जीवन से नकारात्मकता भी दूर होती है और पितर भी प्रसन्न होते हैं।
पितरों की तस्वीर के सामने जलाएं दीपक
हम घर में किसी न किसी स्थान पर पितरों की तस्वीर जरूर लगाते हैं। यह तस्वीर पूरे साल वहीं लटकी रहती है, लेकिन पितृ पक्ष के दौरान आपको अपने पूर्वजों की तस्वीर को साफ करना चाहिए। साथ ही, जिस स्थान पर तस्वीर है, उसके नीचे या पास में एक दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करके आप अपने पूर्वजों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं। ऐसा करने से आपके पूर्वज प्रसन्न होते हैं।