India News (इंडिया न्यूज),Premanand Maharaj: वृंदावन के संत प्रेमानंद जी महाराज राधारानी के बहुत बड़े भक्त हैं। वे अपने ज्ञान और अनुभवों से लोगों की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं और उन्हें राह दिखा रहे हैं। उनके सुझाव और बातें इतनी सरल होती हैं कि हर धर्म के लोग उनसे जुड़ाव महसूस करते हैं। इसी वजह से उनके चाहने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। उनकी बातें सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचती हैं। एक दिन उन्होंने अपने जीवन से जुड़ी एक डरावनी बात बताई, जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। एक बार रात में उनका सामना एक भूत से हुआ। वह उन्हें परेशान करने लगा। कभी वह उनकी जटाओं को खींचता तो कभी उनकी छाती पर बैठ जाता। आइए जानते हैं प्रेमानंद महाराज के जीवन से जुड़ी यह घटना।

जब प्रेमानंद जी के ऊपर चढ़ गया भूत

उस घटना को याद करते हुए प्रेमानंद महाराज ने बताया कि एक बार जंगल के किनारे एक खंडहर था, वहीं गंगा किनारे एक आश्रम भी था। आश्रम के लोगों ने उनसे कहा कि वहां मत सोओ क्योंकि वहां भूत रहते हैं। अब वह स्वभाव से जिद्दी हो गए थे। वह उस रात नौ बजे वहां गया और जैसे ही वह चटाई पर लेटा, उसने महसूस किया कि कोई बहुत बड़ी जांघों वाला व्यक्ति उसके ऊपर चढ़ रहा है।

प्रेत ने प्रेमानंद महाराज की जटाएं पकड़ लीं

प्रेमानंद महाराज जी ने बताया कि जब यह घटना हुई, तब वे पूरी तरह होश में थे, सोये नहीं थे। जब उन्होंने अपना हाथ पीछे की ओर बढ़ाया, तो जटाएं पकड़ लीं। उस समय भी उनकी जटाएं थीं। यह सब जागृत अवस्था में हो रहा था। लेकिन उनके मन में मंत्र जाप चल रहा था। फिर अचानक वे अपनी सीट से उठे और सोचा कि यह मन का भ्रम है। ऐसा संभव नहीं है कि हम नाम जपें और ऐसा हो जाए।

भूत छाती पर चढ़ गया, सांस रुक गई

प्रेमानंद जी ने बताया कि वहां पवित्र भूत भी होते हैं। फिर वे वहां से बाहर आ गए, कुछ समय बीत गया, फिर उन्हें लगा कि भूत नहीं होते। फिर वहां से वे वापस टूरिस्ट सीट पर चले गए क्योंकि उनका स्वभाव जिद्दी था। अब जब वे लेट गए तो वह छाती पर चढ़ गया। इस वजह से उनके शरीर में मौजूद मोनोऑक्साइड बहुत बड़ा हो गया।

इस उपाय से भागें

प्रेमानंद महाराज ने बताया कि उस समय मन में शिव मंत्र का जाप चल रहा था। उन्होंने मंत्र जाप का सचिवालय प्रचारित किया। उस मंत्र जाप के प्रभाव से भूत प्रेमानंद महाराज को छोड़कर चला गया। उनका शरीर अलग हो गया।

आसन निगम उस स्थान से चले गए

भूत की जगह उन्होंने अपना आसन संबंध किया और वहां से चले गए। वे उस स्थान पर गए जहां सभी लोग थे। जब वे वहां गए तो लोगों ने कहा कि वहां भूत है, यह पहले से ही सिखाया गया था। वे आए। इस पर प्रेमानंद महाराज ने कहा कि हमें भूत का अनुभव करना था, वहां भूत है। उन्होंने बताया कि ये प्राचीन नकारात्मक शक्तियां हैं, मंत्र जाप चलने पर ये कोई काम नहीं कर सकतीं।

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