India News (इंडिया न्यूज), Premanand Maharaj: वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज के आज करोड़ों भक्त हैं। हिन्दू नववर्ष के मौके पर संत प्रेमानंद जी महाराज का जन्मदिन बड़ी धूम धाम के साथ मनाया गया। इस दौरान उनकी पदयात्रा भी निकाली गई। जिसमें लाखों लोग पहुंचे। संत प्रेमानदं की एक झलक पाने के लिए लाखों लोग बेचैन रहते हैं। न सिर्फ हिन्दू बल्कि मुस्लिम भी प्रेमानंद महाराज को बहुत मानते हैं। ऐसे में जरा सोचिये यदि आपको कहा जाये कि, प्रेमानंद महाराज मरने वाले हैं… तो? न जाने कितने लोग गुस्से से जलभुन जाएंगे और उनकी लम्बी आयु के लिए कामना करने लगेंगे। लेकिन अब प्रेमानन्द जी ने खुद ऐसा कहा है।
मरने पर क्या बोले प्रेमानंद महाराज?
प्रेमानंद जी ने हाल ही में एक ऐसा बयान दिया है, जिससे उनके अनुयायियों में चिंता की लहर दौड़ गई है। एक भक्त के सवाल के जवाब में महाराज जी ने कहा, “क्या आपको लगता है कि प्रेमानंद मरने वाले हैं? प्रेमानंद अमर, अविनाशी का नाम है। शरीर प्रेमानंद में है, लेकिन यह शरीर प्रेमानंद नहीं है।” उन्होंने समझाने की कोशिश की कि आत्मा अमर है, जबकि शरीर नश्वर है।
भक्तों को हुई चिंता
महाराज जी के इस बयान से उनके भक्तों में चिंता की लहर दौड़ गई। हालांकि, उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि वे हमेशा अपने भक्तों के साथ रहेंगे, चाहे वह शारीरिक रूप से हो या उनकी यादों और शिक्षाओं के माध्यम से। उन्होंने कहा, “हम जीवन भर ऐसे ही बैठेंगे और सपनों में आपसे मिलेंगे। इसलिए आपको बिल्कुल भी जुदाई महसूस नहीं होगी।”
मृत्यु के भय पर महाराज जी क्या बताया?
प्रेमानंद जी महाराज ने पहले भी मृत्यु के भय पर अपने विचार साझा किए हैं। उनका मानना है कि मृत्यु का भय अज्ञानता के कारण उत्पन्न होता है और भगवान का नाम जपने से इस भय पर विजय प्राप्त होती है। उन्होंने कहा, “नाम जप में बहुत शक्ति है। ऐसा करने से आप मृत्यु के भय से बाहर निकल सकते हैं।”
अकाल मृत्यु से बचने के उपाय
महाराज जी ने कुछ ऐसी आदतों का उल्लेख किया है जो अकाल मृत्यु का कारण बन सकती हैं, जैसे शाम के समय भोजन करना, साधु-संतों का अपमान करना, दूसरे लोगों के जूते या कपड़े पहनना, ब्रह्म मुहूर्त में सोना और पवित्र स्थानों पर अपवित्रता फैलाना। उन्होंने इन आदतों से बचने की सलाह दी है।