India News (इंडिया न्यूज), Premanand Maharaj Mool Mantra: हमारे शास्त्रों और धर्मग्रंथों में बताया गया है कि कृष्ण युग के बाद कलयुग की शुरुआत हुई, और इसके साथ ही मानव जीवन में अनेक समस्याओं का अंबार लग गया। आज लोग अपने कष्ट, बीमारियां, क्लेश, और अन्य कठिनाइयों से अत्यधिक परेशान हैं। पूजा, दान, और अनुष्ठानों के बावजूद जीवन में सुख और शांति नहीं आ पा रही है। इन समस्याओं का समाधान स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने एक विशेष मंत्र के रूप में दिया है। यह मंत्र प्रसिद्ध संत श्री प्रेमानंद जी महाराज द्वारा प्रवचनों में बताया गया है। आइए जानते हैं इस मंत्र के महत्व, अर्थ, और इसे जपने की विधि।

कृष्ण मंत्र:

“ओं कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः।”

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मंत्र का अर्थ:

इस मंत्र का गहरा अर्थ है:

“हे वासुदेव, आप परमात्मा के स्वरूप हैं। श्रीकृष्ण, आपको मेरा वंदन है। आप हमारे सभी कष्टों का नाश करें। हमारे जीवन की हर क्लेश का अंत करने वाले श्रीकृष्ण, वासुदेव, हरि, परमात्मा और गोविंद को मेरा बारंबार नमस्कार है।”

यह मंत्र अत्यंत शक्तिशाली है और इसे पूरी निष्ठा व समर्पण के साथ जपने से व्यक्ति के जीवन की सभी समस्याओं का समाधान संभव है।

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मंत्र जाप की विधि:

  1. समय और स्वच्छता:
    • इस मंत्र का जाप प्रातः और सायं काल में एक माला (कम से कम 108 बार) करना चाहिए।
    • स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें और शुद्ध स्थान पर बैठकर जाप करें।
  2. आसन का उपयोग:
    • जाप करते समय एक साफ और पवित्र आसन का उपयोग करें। इससे ऊर्जा और ध्यान केंद्रित रहता है।
  3. रात्रि जाप:
    • विशेष रूप से इस मंत्र का जाप रात में सोने से पहले करें। इस समय मंत्र का प्रभाव और अधिक शक्तिशाली होता है।
  4. नियमितता:
    • इस मंत्र का नियमित जाप करने से जीवन में स्थायी सुख और शांति का अनुभव होता है।

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प्रेमानंद जी महाराज का संदेश:

प्रसिद्ध संत श्री प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि यह मंत्र इतना प्रभावी है कि इसे साधक द्वारा जपने मात्र से सभी प्रकार की बाधाएं और कष्ट दूर हो जाते हैं। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि जो लोग जीवन में किसी भी प्रकार की परेशानियों से जूझ रहे हैं, उन्हें इस मंत्र का अनुष्ठान अवश्य करना चाहिए। यह मंत्र न केवल कठिनाइयों को समाप्त करता है, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और खुशहाली भी लाता है।

नकारात्मक शक्तियों का नाश:

श्रीकृष्ण के इस मंत्र का जाप करने से घर में उपस्थित सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियां समाप्त हो जाती हैं। यह मंत्र घर के वातावरण को शुद्ध करता है और परिवार में सुख-शांति स्थापित करता है।

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जप के सर्वोत्तम परिणाम के लिए टिप्स:

  • मंत्र जाप के समय मन को एकाग्रचित्त रखें।
  • श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र के सामने बैठकर जाप करें।
  • घी का दीपक जलाएं और तुलसी के पत्तों का प्रयोग करें।
  • जाप के बाद “श्रीकृष्णार्पणमस्तु” कहकर भगवान को समर्पित करें।

“ओं कृष्णाय वासुदेवाय ” मंत्र भगवान श्रीकृष्ण द्वारा प्रदत्त एक अद्भुत उपहार है। इसे जपने से जीवन में आने वाली हर प्रकार की बाधा का अंत होता है और व्यक्ति को सुख-शांति प्राप्त होती है। यह मंत्र केवल एक उपाय नहीं, बल्कि भगवान श्रीकृष्ण के प्रति श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक है।

यदि आप भी अपने जीवन की समस्याओं से मुक्ति चाहते हैं, तो इस मंत्र का जाप आज से ही शुरू करें और श्रीकृष्ण की कृपा का अनुभव करें।

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