India News (इंडिया न्यूज़),Paigambar Mohammad: इस्लाम के संस्थापक और मानवता के लिए अपने संदेशों के लिए मशहूर पैगंबर मोहम्मद की जीवन गाथा अनूठी है। उनके जीवन से जुड़ी हर घटना में प्रेरणा और शिक्षा छिपी है। लेकिन उनके जीवन के आखिरी दिनों की एक घटना ने इतिहास में गहरी छाप छोड़ी है। पैगंबर मुहम्मद के जीवन के आखिरी क्षणों में एक घटना का जिक्र है, जिसके बारे में कहा जाता है कि उन्हें जहर दिया गया था।

इतिहासकारों और इस्लामी ग्रंथों के अनुसार, यह घटना खैबर की लड़ाई के बाद हुई थी। खैबर की लड़ाई में मुसलमानों ने यहूदी कबीलों को हरा दिया था। इसके बाद एक यहूदी महिला ने पैगंबर मुहम्मद और उनके साथियों को भोजन के लिए आमंत्रित किया।

यहूदी महिला ने भोजन में जहर मिला दिया था और यह भोजन पैगंबर मुहम्मद ने भी खाया था। हालांकि, जैसे ही उन्होंने भोजन चखा, उन्हें एहसास हुआ कि इसमें कुछ गड़बड़ है। उन्होंने तुरंत खुद को खाने से रोक लिया, लेकिन तब तक जहर उनके शरीर में प्रवेश कर चुका था।

वह महिला कौन थी?

ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुसार, वह महिला जैनब नामक यहूदी जनजाति की सदस्य थी। उसने जहर मिलाने की योजना बनाई क्योंकि वह खैबर की लड़ाई में अपने परिवार के सदस्यों की मौत का बदला लेना चाहती थी। जब उससे पूछा गया कि उसने ऐसा क्यों किया, तो उसने कहा कि अगर मोहम्मद सच्चे पैगंबर हैं, तो यह जहर उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाएगा।

पैगंबर मोहम्मद का जवाब

इस घटना के बाद, पैगंबर मोहम्मद ने महिला को माफ कर दिया। उन्होंने हमेशा अपने अनुयायियों को दया और क्षमा का संदेश दिया था, और इस घटना में भी उन्होंने वही मिसाल कायम की। हालांकि, जहर का असर उनके शरीर पर बढ़ता रहा, और इससे उनका स्वास्थ्य खराब होता गया।

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मृत्यु और विरासत

पैगंबर मोहम्मद की मृत्यु 8 जून, 632 ई. को हुई थी। इतिहासकारों का मानना ​​है कि ख़ैबर की घटना में दिए गए ज़हर का असर उनके शरीर पर अंत तक रहा। उनकी मृत्यु के बाद इस घटना ने इस्लाम के अनुयायियों में गहरी भावनाएँ पैदा कर दीं।

इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि जीवन में चाहे कितनी भी बड़ी कठिनाई क्यों न आए, हमें क्षमा और दया के मार्ग पर चलना चाहिए। पैगंबर मोहम्मद ने अपने जीवन में कभी भी बदले की भावना नहीं रखी और हमेशा मानवता और न्याय का संदेश दिया। यह घटना हमें यह भी सिखाती है कि सच्चाई और अच्छाई के मार्ग पर चलने वाले व्यक्ति का नाम हमेशा अमर रहता है। आज भी लाखों लोग पैगंबर मोहम्मद की इस जीवन गाथा से प्रेरणा लेते हैं। उनकी शिक्षाएँ और संदेश मानवता के लिए एक अनमोल धरोहर हैं।

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