India News (इंडिया न्यूज), Rahu Ketu Dosh Ke Upay: ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को भले ही छाया ग्रह कहा गया हो, लेकिन इनका प्रभाव जीवन में गहराई से महसूस होता है। जब ये ग्रह जन्मकुंडली में अशुभ स्थान पर होते हैं या राहु-केतु दोष, कालसर्प योग, पितृ दोष जैसे योग बनते हैं, तो व्यक्ति को मानसिक तनाव, दुर्घटनाएं, बीमारी, कोर्ट-कचहरी के मामलों में उलझाव, वैवाहिक जीवन में असफलता और संतान सुख में बाधाएं जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इन दोषों की शांति के लिए कुछ विशेष ज्योतिषीय उपाय कारगर माने जाते हैं।

शांति के लिए इन मंत्रो का करें जाप

राहु और केतु की शांति के लिए मंत्रों का जाप अत्यंत प्रभावी होता है। राहु के लिए “ॐ रां राहवे नम:” या “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः” मंत्र का जाप किया जाता है, जबकि केतु के लिए “ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः” या “ॐ कें केतवे नम:” मंत्र उपयोगी माने गए हैं। इन मंत्रों का जाप शनिवार के दिन एक माला यानी 108 बार करने की परंपरा है।

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गणेश मंत्र का जाप होगा असरदार

बुधवार के दिन गणेश पूजन और दूर्वा चढ़ाना भी राहु-केतु दोष को शांत करने में सहायक माना जाता है। इस दिन “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र के साथ गणेश जी को 21 दूर्वा चढ़ाने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।

भगवान शिव की करें पूजा

भगवान शिव की पूजा को भी इन दोषों की शांति के लिए सर्वोत्तम बताया गया है। “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे…” महामृत्युंजय मंत्र का प्रतिदिन जाप करने से मानसिक शांति और नकारात्मक ग्रहों का प्रभाव कम होता है। सोमवार के दिन इस मंत्र का विशेष रूप से अधिक जाप करना लाभदायक माना गया है।

दान करना से मिलेगी राहु-केतु की कृपा

दान करना भी राहु और केतु की कृपा पाने का एक प्रभावी उपाय है। राहु की शांति के लिए काले तिल, सरसों का तेल, कंबल, नारियल, नीले वस्त्र और लोहे के बर्तनों का दान किया जाता है। वहीं केतु के लिए सफेद चना, चांदी, मोती, नीम की लकड़ी और कुत्ते को रोटी खिलाना शुभ होता है।

कालसर्प दोष से कैसे मिलेगी मुक्ति?

अगर कुंडली में कालसर्प दोष बना है, तो नाग देवता की पूजा करनी चाहिए। सोमवार या नाग पंचमी के दिन दूध, काले तिल, कुश और अक्षत चढ़ाकर नागों की आराधना करने से लाभ होता है। साथ ही सांपों को नुकसान न पहुंचाने की सलाह दी जाती है। रत्नों का धारण भी राहु-केतु दोष से राहत दिला सकता है। राहु के लिए गोमेद और केतु के लिए लहसुनिया पहनना शुभ माना गया है, लेकिन इन्हें धारण करने से पहले योग्य ज्योतिषाचार्य की सलाह लेना जरूरी है।

शांति पूजा से मिलेगा फायदा

इसके अतिरिक्त, काले कुत्ते को रोटी खिलाने से राहु शांत होता है, जबकि गौ सेवा और उन्हें गुड़-चना खिलाने से केतु की कृपा प्राप्त होती है। कालसर्प योग से पीड़ित व्यक्ति उज्जैन के ज्योतिर्लिंग मंदिर में कालसर्प शांति पूजा करवा सकते हैं। साथ ही राहुकाल में यात्रा, नया काम या खरीदारी करने से बचना चाहिए। इस प्रकार, यदि जीवन में बार-बार विघ्न, रुकावट और मानसिक क्लेश महसूस हो रहे हों, तो राहु-केतु के इन उपायों को अपनाकर जीवन को संतुलन और शांति की ओर ले जाया जा सकता है।

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