India News (इंडिया न्यूज), Rahu Ketu Gochar 2025: साल 2025 ग्रहों की चाल और राशि परिवर्तन के लिहाज से बेहद खास है। 18 मई 2025 को राहु और केतु अपनी-अपनी राशियां बदलने वाले हैं। राहु मीन राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे, जबकि केतु कन्या राशि से सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। यह परिवर्तन 18 महीनों तक सभी राशियों को प्रभावित करेगा। कुछ राशियों के लिए यह समय शुभ रहेगा, जबकि अन्य राशियों के लिए यह चुनौतियां ला सकता है। आइए जानते हैं कि मिथुन, मकर और धनु राशियों के लिए यह गोचर किस प्रकार लाभदायक सिद्ध हो सकता है।
मिथुन राशि (Gemini)
भाग्य का साथ:
- राहु नवम भाव में और केतु तीसरे भाव में रहेंगे।
- लंबे समय से रुके हुए काम पूरे होंगे।
- करियर में सुधार होगा, नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को अच्छे अवसर मिलेंगे।
- धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी और तीर्थ यात्रा के योग बनेंगे।
- घर या वाहन खरीदने का सपना पूरा हो सकता है।
- परिवार के साथ समय सुखद रहेगा।
मकर राशि (Capricorn)
अप्रत्याशित लाभ:
- राहु तीसरे भाव में और केतु अष्टम भाव में रहेंगे।
- अप्रत्याशित धन लाभ होगा और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
- मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होगा।
- अध्यात्म की ओर रुझान बढ़ेगा, जिससे मानसिक शांति मिलेगी।
- नौकरीपेशा लोगों को प्रमोशन और पहचान मिलने की संभावना है।
- सेहत के लिहाज से भी यह समय बेहतर रहेगा।
धनु राशि (Sagittarius)
भाग्यवर्धक समय:
- राहु तीसरे भाव में और केतु नवम भाव में रहेंगे।
- भाग्य का पूरा साथ मिलेगा और हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी।
- धार्मिक कार्यों और यात्राओं में रुचि बढ़ेगी।
- दोस्तों और परिवार के साथ समय अच्छा बीतेगा।
- खर्चों पर नियंत्रण रखना होगा, लेकिन काम का दबाव आसानी से संभाल सकेंगे।
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राहु-केतु का यह गोचर इन राशियों के लिए नए अवसर और उन्नति का मार्ग प्रशस्त करेगा। मिथुन राशि के जातकों को करियर और परिवार में लाभ मिलेगा, मकर राशि वाले अप्रत्याशित धनलाभ और प्रमोशन का आनंद लेंगे, जबकि धनु राशि के जातकों को भाग्य और धर्म-कर्म से सफलता मिलेगी।
राहु-केतु की कृपा पाने के उपाय:
राहु के उपाय:
शनिवार को सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
राहु मंत्र: “ॐ रां राहवे नमः” का जाप करें।
केतु के उपाय:
काले तिल और काले वस्त्र दान करें।
केतु मंत्र: “ॐ कें केतवे नमः” का जाप करें।
धार्मिक अनुष्ठान और हनुमान जी की पूजा से राहु-केतु के नकारात्मक प्रभाव कम किए जा सकते हैं।
यह समय अपनी योजनाओं को धरातल पर लाने और अवसरों का सही तरीके से उपयोग करने का है।
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