India News (इंडिया न्यूज), Rahu Ketu Gochar: ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को छाया ग्रह माना जाता है। ये ग्रह हर डेढ़ साल में अपनी चाल बदलते हैं, और इनका गोचर न केवल व्यक्ति के जीवन पर, बल्कि समाज और दुनिया में भी बड़े बदलावों का संकेत देता है। राहु और केतु का गोचर प्रत्येक राशि के लिए खास महत्व रखता है, क्योंकि इनकी चाल से जीवन में सुधार या चुनौतियां आ सकती हैं।
राहु-केतु का गोचर: 18 मई 2025
18 मई 2025 को राहु मीन राशि से निकलकर कुंभ राशि में और केतु कन्या से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। इस गोचर का प्रभाव प्रत्येक राशि पर अलग-अलग होगा। कुछ राशियों के लिए यह समय विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
राहु का कुंभ राशि में प्रवेश और प्रभाव
राहु 18 मई 2025 को कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। यह अगला डेढ़ साल कुंभ राशि और इससे संबंधित जातकों के लिए महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण रहेगा।
संभावित प्रभाव:
- वैवाहिक जीवन में समस्याएं: रिश्तों में तनाव और विवाद हो सकता है।
- करियर में असमंजस: व्यावसायिक जीवन में उलझनें और अनिर्णय की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
- मानसिक तनाव: व्यक्ति को मानसिक तनाव में वृद्धि का सामना करना पड़ सकता है। आत्मविश्वास बनाए रखना आवश्यक होगा।
- सावधानियां: इस दौरान सोच-समझकर निर्णय लेना और मन को शांत रखना आवश्यक है। बड़े निवेश या नई योजनाओं को लेकर सतर्कता बरतें।
केतु का सिंह राशि में प्रवेश और प्रभाव
18 मई 2025 को केतु सिंह राशि में प्रवेश करेगा। इससे सिंह राशि के जातकों को कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
संभावित प्रभाव:
- स्वास्थ्य समस्याएं: इस समय सेहत को लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता होगी। खानपान और नियमित व्यायाम पर ध्यान दें।
- अचानक बाधाएं: जीवन में अचानक आने वाली रुकावटें आपको आपके लक्ष्यों से भटका सकती हैं।
- नौकरी और व्यवसाय: इस समय में नौकरी और व्यवसाय में बदलाव संभव है। ये बदलाव नए अवसर भी ला सकते हैं।
- सावधानियां: संयम और धैर्य बनाए रखना इस समय के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
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राहु-केतु के गोचर के दौरान उपाय
राहु और केतु के प्रभाव को कम करने और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
- दान-पुण्य:
- तांबा, लोहा, पीले वस्त्र, नारियल आदि का दान करें।
- गरीबों को भोजन और जरूरतमंदों को मदद दें।
- मंत्र जाप:
- राहु के लिए: “ॐ रं राहवे नमः” का नियमित जाप करें।
- केतु के लिए: “ॐ कें केतवे नमः” का नियमित जाप करें।
- भगवान शिव की पूजा:
- भगवान शिव और गणेश जी की पूजा से मानसिक शांति मिलती है।
- शिवलिंग पर जल और बेलपत्र चढ़ाएं।
- अन्य उपाय:
- हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- शनिवार और मंगलवार के दिन व्रत रखें।
- ग्रह शांति यज्ञ या अनुष्ठान कराएं।
18 मई 2025 का राहु-केतु का गोचर ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह समय कुछ राशियों के लिए चुनौतियां और दूसरों के लिए नई संभावनाएं लेकर आएगा। राहु-केतु के प्रभाव को संतुलित करने के लिए उपाय और पूजा-पाठ का सहारा लेना फायदेमंद होगा। मानसिक शांति और आत्मविश्वास बनाए रखने से इस समय का सामना बेहतर तरीके से किया जा सकता है।