India News (इंडिया न्यूज), Rahu Shani Mahadasha Upay: साल के अंत में शनि और राहु की विशेष स्थिति का प्रभाव कई राशियों पर देखने को मिलेगा। यदि इन ग्रहों का उचित उपाय नहीं किया गया, तो यह जीवन में अनेक कठिनाइयों का कारण बन सकता है। खासकर, कलियुग के राजा यानी शनि देव का कोप हर व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
प्रभाव:
विलंब और बाधाएं: कार्यों में अनावश्यक देरी और अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है।
आर्थिक संकट: अचानक धन हानि या कर्ज बढ़ने की संभावना रहती है।
स्वास्थ्य: मानसिक तनाव, शारीरिक थकावट, और रोगों का खतरा बढ़ सकता है।
रिश्ते: परिवार और मित्रों के साथ मतभेद हो सकते हैं।
शनि-राहु के प्रकोप से बचाव के उपाय
1. शनि देव की पूजा:
शनिवार के दिन शनि देव को तेल अर्पित करें।
शनि चालीसा या शनि मंत्र का जाप करें।
काली उड़द और काले तिल का दान करें।
2. हनुमान जी की आराधना:
हनुमान चालीसा का पाठ करें।
बजरंग बाण का नियमित जाप करें।
शनिवार को हनुमान मंदिर में चोला चढ़ाएं।
3. राहु के उपाय:
राहु मंत्र का जाप करें: “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः”
नारियल और काले कपड़े का दान करें।
सर्पों को दूध पिलाएं या मंदिर में नाग-नागिन की मूर्ति पर दूध चढ़ाएं।
4. कर्म सुधार:
किसी गरीब व्यक्ति को भोजन कराएं।
झूठ और धोखे से बचें।
अपने आचार-विचार में सकारात्मकता लाएं।
विशेष ध्यान:
साढ़े साती और ढैय्या के प्रभाव से बचने के लिए शनि शांति यज्ञ करवाना लाभदायक रहेगा।
राहु-केतु के नकारात्मक प्रभाव को शांत करने के लिए रुद्राभिषेक करें।
साल के अंत में शनि और राहु के प्रकोप को शांत करने के लिए ये उपाय करना आवश्यक है। कलियुग के राजा राहु की कृपा पाने से जीवन में स्थिरता और सुख-समृद्धि बनी रहती है। इन उपायों को अपनाकर आप आने वाले समय को शांतिपूर्ण और लाभकारी बना सकते हैं।
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