India News(इंडिया न्यूज), Ramayana: बचपन से हम हमारी नानी-दादी से रामायण की अनेको कहानियां सुनते हुए आ रहे हैं। और बचपन में भी अपने माता-पिता से ज़िद करके रामलीला देखने जाने की इच्छा जताया करते थे। जिसमे हमें कई किरदार देखने को मिलते थे। जैसे- श्री राम की मर्यादा, माँ सीता का अपहरण, रावण की प्रबलता और भाई लक्ष्मण का आदर और प्यार, हनुमान का श्री राम को समर्पण ये सब तो हमने देखा भी हैं और कई कथाओ में सुना भी हैं लेकिन आज भी रामायण से जुडी कई कथाये हमारे कानो से दूर हैं।

रामायण की एक कथा के अनुसार, राम और सीता के बिछड़ने के पीछे एक तोता जिम्मेदार था, न कि रावण। इस कथा का विवरण इस प्रकार है

जब भगवान राम और सीता वनवास के दौरान पंचवटी में रह रहे थे, एक दिन सीता ने एक सुंदर तोता देखा। सीता ने उस तोते को पकड़कर पिंजरे में डाल लिया और उसकी सुंदरता का आनंद लेने लगीं। उस तोते ने सीता से विनती की कि उसे छोड़ दिया जाए, लेकिन सीता उसकी सुंदरता से इतनी मोहित हो गई थीं कि उन्होंने उसे नहीं छोड़ा।

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तोते ने दिया था देवी सीता को श्राप

तोता बहुत दुखी हुआ और उसने सीता को श्राप दिया कि जिस प्रकार उसे उसके साथी से बिछड़ना पड़ा है, वैसे ही सीता को भी अपने प्रियतम से बिछड़ना पड़ेगा। इस श्राप का परिणाम यह हुआ कि कुछ समय बाद रावण ने सीता का अपहरण कर लिया और सीता को राम से अलग होना पड़ा।

मूल ग्रंथ में भी नहीं सुनने मिलती ये कथा

यह कथा बताती है कि किस प्रकार एक साधारण घटना भी बड़े परिणाम ला सकती है और कैसे किसी की गलतियों का प्रभाव बड़े घटनाक्रम पर पड़ सकता है।

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यह ध्यान देने योग्य है कि यह कथा रामायण के मूल ग्रंथ में नहीं मिलती, बल्कि यह लोक कथाओं और विभिन्न व्याख्याओं का हिस्सा हो सकती है। रामायण का प्रमुख दोषी रावण ही माना जाता है, लेकिन इस तरह की कहानियाँ हमें नैतिकता और कर्मों के परिणामों के बारे में सिखाने के लिए हैं।

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