India News(इंडिया न्यूज), Ravan Told About Kalyug: रावण, रामायण के प्रमुख पात्र और लंका के राजा इससे भी ज़्यादा क्या कुछ जानती हैं इंसानी दुनिया? आपने सुना होगा कि रावण माता सीता का हरण किया था इसलिए वह एक बेहद बुरा इंसान था। लेकिन क्या आपको ये पता हैं कि उससे भी कई ऊपर रावण एक बेहद ही बुद्धिमान और चतुर ब्राह्मण था। जिसकी विद्या का पूरे संसार में कोई तोड़ नहीं था।
अपने विद्वता और ज्ञान के लिए भी जाने-जाना वाला रावण के सन्दर्भ में ऐसा भी कहा जाता है कि मृत्यु से पहले रावण ने कलियुग के बारे में तीन भयानक बातें बताई थीं, जिनका जानना आज के समय में इंसानी दुनिया के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण है। ये बातें हमें कलियुग के दोषों और चुनौतियों के बारे में चेतावनी देती हैं साथ ही बताती हैं कि जिस युग में हम जी रहे हैं उस युग में जन्म लेना भी कितना काल हैं। तो आइये जानते हैं ऐसी वो 3 बातें जिसके बारें में रावण पहले से ही जानते थे:
1. धर्म का पतन (Decline of Dharma)
रावण ने कहा था कि कलियुग में धर्म का पतन होगा। लोग अपने नैतिक और धार्मिक कर्तव्यों को भूल जाएंगे। सत्य, अहिंसा, और न्याय जैसे मूल्य कम हो जाएंगे और लोग अपने स्वार्थ के लिए दूसरों को नुकसान पहुंचाएंगे। धार्मिक आस्थाओं का गलत इस्तेमाल होगा और असत्य, अधर्म, और अनैतिकता का प्रचलन बढ़ेगा।
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2. लालच और भोगवाद (Greed and Materialism)
रावण ने यह भी भविष्यवाणी की थी कि कलियुग में लालच और भोगवाद का बोलबाला होगा। लोग धन, शक्ति, और भौतिक सुखों के पीछे भागेंगे और इसके लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। नैतिकता और सदाचार की परवाह किए बिना, लोग अपने स्वार्थ को प्राथमिकता देंगे और दूसरों की भावनाओं और जरूरतों का सम्मान नहीं करेंगे।
3. मानव संबंधों का विघटन (Breakdown of Human Relationships)
रावण ने कहा था कि कलियुग में पारिवारिक और सामाजिक संबंध कमजोर हो जाएंगे। लोग अपने माता-पिता, भाई-बहन, और मित्रों के प्रति अपने कर्तव्यों को भूल जाएंगे। समाज में वैमनस्य, अविश्वास, और तनाव का माहौल रहेगा। एकता और सहयोग की भावना घटेगी, और लोग अपने स्वार्थ के लिए दूसरों का इस्तेमाल करेंगे।
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रावण की इन भविष्यवाणियों का उद्देश्य हमें कलियुग की चुनौतियों के प्रति सचेत करना था। यदि हम इन चेतावनियों को गंभीरता से लें और अपने जीवन में धर्म, नैतिकता, और प्रेम को प्राथमिकता दें, तो हम इन भयानक प्रभावों से बच सकते हैं।