India News (इंडिया न्यूज), Rebirth Of Pandavs: महाभारत की एक खास कहानी है जिसका वर्णन भविष्य पुराण में भी मिलता है। महाभारत युद्ध के दौरान पांचों पांडव किसी कारणवश क्रोधित होकर भगवान शिव से युद्ध करने चले गए, तब भगवान शिव क्रोधित हो गए और पांडवों को उनके अपराध के कारण कलियुग में जन्म लेने का श्राप दे दिया, भविष्य पुराण के अनुसार महाभारत युद्ध के दौरान मध्यरात्रि के समय गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा, कृतवर्मा और कृपाचार्य पांडवों के शिविर में गए और मन ही मन भगवान शिव की आराधना करने लगे।

इन तीनों की आराधना से भगवान शिव प्रसन्न हुए और उन्होंने इन्हें पांडवों के शिविर में प्रवेश करने की अनुमति दे दी। इसके बाद अश्वत्थामा पांडवों के शिविर में घुस गया और भगवान शिव से वरदान में मिली तलवार से उसने सोते समय पांडवों के सभी पुत्रों को मार डाला और चुपचाप पांडवों के शिविर से निकल गया।

भगवान शिव ने दिया श्राप

इसके कारण भगवान शिव ने पांडवों को श्राप दे दिया। जब पांडवों को पता चला कि किसी ने उनके सोए हुए बेटों को मार दिया है, तो वे अनजाने में भगवान शिव को दोषी ठहराने लगे और भगवान शिव से युद्ध करने के लिए निकल पड़े। जब पांडवों और भगवान शिव का आमना-सामना हुआ, तो पांडव युद्ध करने के लिए वे उनके सामने पहुंचे और जब उन्होंने भगवान शिव पर आक्रमण करना चाहा तो उनके सभी अस्त्र-शस्त्र भगवान शिव में समा गए।

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इससे भगवान शिव क्रोधित हो गए और उन्होंने कहा कि तुम सभी श्री कृष्ण के भक्त हो। इसलिए इस अपराध का फल तुम्हें इस जन्म में नहीं बल्कि कलियुग में मिलेगा। इस अपराध का फल तुम्हें कलियुग में दोबारा जन्म लेकर भोगना होगा। भगवान शिव के श्राप के बाद सभी पांडव भगवान कृष्ण के पास पहुंचे, तब भगवान कृष्ण ने उन्हें बताया कि कलियुग में सभी पांडव कहां और किसके घर जन्म लेंगे।

कलियुग में पांडवों का जन्म

भगवान शिव के ऐसा कहने के बाद पांचों पांडव श्री कृष्ण के पास आए और उन्हें भगवान शिव की कही हुई बातें बताईं। तब भगवान श्री कृष्ण ने कहा कि यदि देवाधिदेव महादेव ने ऐसा कहा है तो आप सभी भाइयों को कलियुग में अवश्य जन्म लेना पड़ेगा। भविष्य पुराण में बताया गया है कि भगवान शिव के श्राप के कारण सबसे बड़े पांडव यानी युधिष्ठिर का जन्म कलियुग में वत्सराज नामक राजा के पुत्र के रूप में हुआ।

इस जन्म में युधिष्ठिर का नाम मलखान था। अर्जुन का जन्म परिलोक नामक राजा के घर हुआ। इस जन्म में अर्जुन का नाम ब्रह्मानंद था। जबकि भीम का जन्म वानर राज्य में वीरन नाम से हुआ। नकुल का जन्म कान्यकुब्ज के राजा के रूप में हुआ और इस जन्म में उनका नाम लक्षण था। जबकि सहदेव का जन्म कलियुग में भीमसिंह नामक राजा के घर हुआ। साथ ही आपको बता दें कि दानवीर कर्ण का जन्म कलियुग में हुआ था। कलियुग में कर्ण का जन्म तारक नामक राजा के रूप में हुआ था।

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