इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : झारखंड में स्थित जैन तीर्थ सम्मेद शिखर को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है। गुरुवार यानी आज केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र यादव ने जैन समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग किया, इसके बाद उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि “जैन समाज को आश्वासन दिया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने सम्मेद शिखर सहित जैन सभी धार्मिक स्थलों पर उनके अधिकारों की रक्षा और संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। जानकारी दें, सम्मेद शिखर पारसनाथ वन्यजीव अभयारण्य और तोपचांची वन्यजीव अभयारण्य के पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र में आता है। इसके बाद उन्होंने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना को शेयर किया, जिसमें भी पर्यटन और इको टूरिज्म गतिविधि पर पर रोक लगाने के लिए निर्देश दिए गए हैं।

अब इन चीजों की सम्मेद शिखर के आसपास रहेगी पाबंदी?

जानकारी दें, केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट करते हुए ज्ञापन को भी शेयर किया है, जिसमें बताया गया है कि पारसनाथ वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र पर शराब सहित अन्य नशीले पदार्थों बिक्री, तेज संगीत बजाना, लाउडस्पीकर का यूज करना, प्रकृति को नुकसान पहुंचाने वाले काम करना, कैंपिंग, ट्रैकिंग और प्रकृति को नुकसान पहुंचाने वाले काम करने की अनुमति नहीं होगी। इसमें इन नियमों का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा गया है।

सम्मेद शिखर की पवित्रता को लेकर केंद्र सरकार ने उठाया बड़ा कदम

आपको बता दें, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन के केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र यादव ने ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने खुशी जताई। उन्होंने ट्विटर के माध्यम से कहा कि “जैनधर्म ने समाज कल्याण, मानवता व आध्यात्मिक चेतना के पुनर्जागरण में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है। मैंने खुद इसे नजदीक से अनुभव किया है। मुझे खुशी है कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार ने पावन तीर्थ ‘सम्मेद शिखर जी’ की पवित्रता को बनाए रखने की दिशा में ठोस कदम उठाया है।”

सम्मेद शिखरजी का जैन धर्म में मान्यता

जानकारी दें, ऐसी मान्यता है कि इस पुण्य क्षेत्र में जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष की प्राप्ति की है। पवित्र पर्वत के शिखर तक श्रद्धालुओं को पहुंचने के लिए नौ किलोमीटर की यात्रा करना पड़ता है।