India News (इंडिया न्यूज), Satyaki Of Mahabharata: महाभारत में कई शक्तिशाली और महान योद्धा थे। कई योद्धा ऐसे भी थे जो इस युद्ध को कुछ ही देर में खत्म कर सकते थे। हम आज आपको अर्जुन के शिष्य के बारे में बताएंगे जिसने कर्ण को कई बार हराया था। महाभारत के युद्ध में अर्जुन के शिष्य सात्यकि ने कर्ण को कई बार हराया था। सात्यकि बहुत शक्तिशाली योद्धा थे और उन्हें शनि का पुत्र भी माना जाता है। अपने युद्ध कौशल से सात्यकि ने द्रोणाचार्य, कौरव सेना, कृतवर्मा, यवन सेना, कंबोज और दुशासन जैसे कई योद्धाओं को हराया था।

युद्ध लड़ने की अनुमति

महाभारत युद्ध के दौरान कौरव पक्ष की ओर से पांडवों से लड़ने के लिए सभी पराक्रमी योद्धा और यहां तक ​​कि कृष्ण की नारायण सेना भी तैयार थी। यही वह समय था जब सात्यकि ने पांडव पक्ष की ओर से इस युद्ध में भाग लिया और श्री कृष्ण ने उन्हें लड़ने की अनुमति दी। महाभारत युद्ध में भले ही सात्यकि ने कर्ण को कई बार हराया था, लेकिन अर्जुन ने उसे मारने की कसम खाई थी।

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कर्ण को भी हराया

सात्यकि ने अपने युद्ध कौशल से द्रोणाचार्य, कौरव सेना, कृतवर्मा, यवन सेना, कम्बोज और दुशासन को पराजित किया था। इस युद्ध में सात्यकि ने कर्ण को कई बार हराया था, लेकिन अर्जुन ने कर्ण को मारने की प्रतिज्ञा की थी, इसलिए सात्यकि ने कर्ण को नहीं मारा। भूरिश्रवा से युद्ध के दौरान जब सात्यकि हारने लगे, तो अर्जुन ने आकर भूरिश्रवा का वध कर दिया। श्रीकृष्ण और अर्जुन की वजह से ही सात्यकि महाभारत युद्ध में अंत तक जीवित रहे।

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