India News (इंडिया न्यूज), Mahakumbh 2025: महाकुंभ का पहला अमृत स्नान 14 जनवरी 2025 को संपन्न हुआ था। अब लोग दूसरे अमृत स्नान (शाही स्नान) का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। 13 जनवरी को मुख्य स्नान और 14 जनवरी को अमृत स्नान के दिन प्रयागराज में भारी संख्या में श्रद्धालु जुटे थे। अब अंदाजा लगाया जा रहा है कि दूसरे अमृत स्नान के दिन डुबकी लगाने वालों की संख्या और भी बढ़ सकती है। इसकी एक वजह ये भी है कि मौनी अमावस्या का स्नान पहले से ही बेहद खास माना जाता है, ऐसे में अगर इस दिन अमृत स्नान किया जाए तो पुण्य कई गुना बढ़ सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं महाकुंभ का दूसरा शाही स्नान किस तारीख को है और इस दिन डुबकी लगाना इतना खास क्यों माना जाता है।
महाकुंभ का दूसरा शाही स्नान
महाकुंभ का दूसरा शाही स्नान मौनी अमावस्या के दिन होगा। मौनी अमावस्या तिथि 29 जनवरी 2025 को है। वैसे तो अमावस्या तिथि 28 जनवरी को शाम 7:35 बजे से शुरू होगी, लेकिन उदया तिथि के अनुसार मौनी अमावस्या का स्नान 29 जनवरी को ही किया जाएगा। मौनी अमावस्या 29 जनवरी को शाम 6:05 बजे समाप्त होगी। इसके बाद तीसरा शाही स्नान 3 फरवरी को बसंत पंचमी पर होगा।
स्नान दान का शुभ मुहूर्त
मौनी अमावस्या के दिन स्नान के साथ-साथ दान का भी बहुत महत्व है। 29 जनवरी को ब्रह्म मुहूर्त शाम 5:25 बजे से शुरू होकर 6:19 बजे तक रहेगा। इस दौरान स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है। वैसे तो मौनी अमावस्या एक पुण्य तिथि है, इसलिए आप इस दिन सूर्यास्त से पहले कभी भी स्नान या दान कर सकते हैं।
मौनी अमावस्या पर स्नान करना क्यों है खास?
मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर पितर धरती पर आते हैं। ऐसे में अगर आप मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान करते हैं और पितरों को तर्पण करते हैं, उनके लिए दान करते हैं तो आपको पितरों का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही पितरों की आत्मा भी तृप्त होती है और उन्हें मोक्ष मिलता है। साथ ही आपको पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है। मौनी अमावस्या पर स्नान इसलिए भी खास है क्योंकि इस दिन स्नान करने से व्यक्ति का आध्यात्मिक विकास होता है और उसके सभी पाप धुल जाते हैं। यानी मौनी अमावस्या पर स्नान आध्यात्मिक मार्ग पर चलने वालों और सांसारिक लोगों दोनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।