India News (इंडिया न्यूज),  Shani Jayanti 2025: इस साल 27 मई 2025 को शनि जयंती मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन ज्येष्ठ अमावस्या को शनिदेव का जन्म हुआ था। उन्हें न्याय का देवता माना जाता है जो व्यक्ति के अच्छे और बुरे कर्मों का फल देते हैं। मान्यता है कि यदि शनिदेव प्रसन्न हो जाएं तो रंक भी राजा बन सकता है, वहीं उनकी दृष्टि से राजा भी रंक बन सकता है। इसलिए शनि की साढ़ेसाती और पनौती से परेशान लोग इस दिन का खास इंतजार करते हैं।

कौन से फूल होते हैं शनिदेव को पसंद?

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार शनिदेव को कुछ फूल बहुत पसंद होते हैं यदि आप उन्हें शनि जयंती पर शनिदेव को अर्पित करते हैं तो उससे उनके गुस्से को बहुत हद तक कम किया जा सकता है। इससे शनिदेव की कृपा आपको प्राप्त हो सकती है। ये फूल न सिर्फ आप शनि जयंती पर बल्कि हर शनिवार को या रोजाना भी शनिदेव पर अर्पित कर सकते हैं। जिससे शनिदेव खुश होते हैं। धार्मिक ग्रंथों और ज्योतिष शास्त्रों में भी इन फूलों का विशेष महत्व बताया गया है।

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आक का फूल

सबसे पहले आक का फूल शनिदेव को अत्यंत प्रिय है। ऐसा माना जाता है कि साढ़ेसाती या ढैय्या से परेशान व्यक्ति अगर शनि जयंती पर आक के फूल अर्पित करता है तो उसे राहत मिलती है।

शमी का फूल

दूसरा महत्वपूर्ण पुष्प है शमी का फूल। इसे चढ़ाने से रोग, दोष और जीवन की बाधाओं से मुक्ति मिलती है। इसको चढ़ाने से आपकी परेशानियां खत्म होने लगती हैं। और शनिदेव की कृपा बनने लगती है। ये फूल सभी दुखो को हरने की क्षमता रखता है।

अपराजिता का फूल

तीसरा फूल है अपराजिता। इसका नीला रंग शनिदेव को बहुत प्रिय है। यह फूल शिवजी को भी प्रिय माना गया है। शनि जयंती पर 5, 7 या 11 अपराजिता के फूल चढ़ाने से शीघ्र फल मिलता है।

गुड़हल का फूल

वहीं चौथा फूल है गुड़हल, जिसे शनि की पूजा में पत्तियों, फूल और जड़ों सहित चढ़ाने से धन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं और जीवन में सुख-शांति आती है। शनि जयंती पर विधिपूर्वक इन विशेष फूलों से पूजन करने से शनि की दशा में शुभ परिवर्तन आ सकता है।

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