India News (इंडिया न्यूज), Surya Gochar 2025: ज्योतिष शास्त्र में सूर्य और शनि का संबंध अत्यंत जटिल और प्रभावी माना गया है। सूर्य और शनि, जो पिता और पुत्र के रूप में जाने जाते हैं, ज्योतिष में एक-दूसरे के घोर शत्रु माने जाते हैं। सूर्य सात्विक, शुभ और प्रकाश का कारक ग्रह है, जबकि शनि तामसिक, कठोर और संघर्ष का प्रतीक माना गया है। इन दोनों ग्रहों का एक-दूसरे पर दृष्टि डालना या एक साथ होना ज्योतिषीय दृष्टिकोण से चुनौतीपूर्ण माना जाता है।
सूर्य पर शनि की टेढ़ी नजर: 15 मई से प्रभाव
15 मई को सूर्य वृषभ राशि में प्रवेश करेगा, जिसके साथ ही सूर्य पर शनि की वक्र दृष्टि पड़ेगी। यह स्थिति कई राशियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है। ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार, यह समय लगभग 30 दिनों तक कुछ राशियों के लिए कष्टकारी हो सकता है।
30 दिन का कठिन समय: प्रभावित राशियाँ
वृषभ राशि
सूर्य के वृषभ राशि में प्रवेश से वृषभ राशि के जातकों का स्वभाव अत्यधिक प्रखर हो सकता है। कोध्र की अधिकता के कारण परिवार और रिश्तों में तीक्ष्णता आ सकती है। इस समय क्रोध पर नियंत्रण रखना अति आवश्यक है।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के स्वभाव में रूखापन आ सकता है। शनि की दृष्टि के प्रभाव से निराशा और कष्ट का अनुभव होगा। संयम और समझदारी से ही समाज में अपनी स्थिति को बनाए रखना संभव होगा।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों पर सूर्य और शनि सख्त रहेंगे। काम का बोझ बढ़ेगा, लेकिन नतीजे संतोषजनक नहीं होंगे। दूसरों पर निर्भर होने की बजाय खुद मेहनत करना आवश्यक है। काम में कोई कोताही न करें।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों को भ्रम और क्रोध का सामना करना पड़ सकता है। शनि आपको आर्थिक निर्णयों में गलती करने के लिए उकसा सकता है। संयम और सूझबूझ से काम लें। आर्थिक मामलों में सतर्कता अत्यंत जरूरी है।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के रिश्तों में कटुता आ सकती है। अपनों से विछोह की संभावना है। गुस्से से बचें और वाद-विवाद से दूर रहें। आर्थिक निर्णय लेने में सावधानी बरतें, अन्यथा नुकसान हो सकता है।
शनि के प्रभाव से बचने के उपाय
- हनुमान चालीसा का पाठ: प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- शनि मंत्र का जाप: “ऊँ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें।
- दान करें: शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए काले तिल, सरसों का तेल और काले कपड़े का दान करें।
- संयम और धैर्य: इन 30 दिनों में संयम और धैर्य रखना सबसे जरूरी है।
सूर्य और शनि की वक्र दृष्टि का प्रभाव 15 मई से शुरू होकर 30 दिनों तक रहेगा। वृषभ, तुला, मिथुन, मकर और वृश्चिक राशि के जातकों को विशेष रूप से सतर्क रहने की आवश्यकता है। ज्योतिषीय उपायों और धैर्य के माध्यम से इन कठिन समयों का सामना किया जा सकता है।